रांची: राजधानी रांची ज्ञान की देवी मां शारदे की वंदना में लीन है। रांची सहित पूरे राज्य में पूजा की धूम रही। शैक्षणिक संस्थानों, विभिन्न चौराहों, गलियों और मोहल्लों में मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित की गई है। आकर्षक लाइट्स, सजावट और धार्मिक संगीत से वातावरण भक्तिमय हो गया है।
सरस्वती पूजा को लेकर छोटे बच्चों से लेकर युवाओं और बुजुर्गों में उत्साह दिख रहा है। मूर्तिकारों के यहां से युवक-युवतियां विभिन्न स्कूल-कॉलेज के साथ क्लबों में घरों में गली मोहल्लों में माता सरस्वती को विराजमान कर पूजा-अर्चना से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया है।
माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी कहते हैं। इसी दिन सरस्वती पूजा होती है। इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की आराधना की जाती है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, सृष्टि की रचना होने के बाद सभी जीव पृथ्वी पर वास कर रहे थे लेकिन चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ था। इस वजह से ब्रह्मा जी ने वाणी की देवी मां सरस्वती का आवाहन किया।
मां सरस्वती प्रकट हुईं। माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को माता सरस्वती का प्रकाट्य हुआ था, उस दिन वसंत पंचमी थी। तब से इसी दिन मां सरस्वती की पूजा-अराधना की जाती है।