रांचीः रिटायर्ड बीएसएफ जवान अरुण सिंह से हजारों राउंड कारतूस खरीदकर झारखंड के माओवादियों और अपराधियों को सप्लाई करने वाला कुख्यात अपराधी एसटीएफ टीम की गिरफ्त में आते-आते बच निकला।
बताया जा रहा है कि उसने सेना को दिया जाने वाला कारतूस पटना के भी कुछ अपराधियों को सप्लाई किया है। इसमें पिस्टल से लेकर एके-47 तक के कारतूस षामिल हैं।
खाली हाथ लौटी एसटीएफ टीम
इस कुख्यात अपराधी की तलाष में पटना-रांची एसटीएफ की टीम ने पटना जंक्शन के पास स्थित एक होटल में छापेमारी कीए लेकिन एसटीएफ की टीम के होटल पहुंचने से पहले ही कुख्यात वहां से खिसक गया।
एसटीएफ की टीम होटल के विजिटिंग रजिस्टर और सीसीटीवी कैमरे का फुटेज चेक करके लौट आई।
बीएसएफ जवान ने स्वेच्छा से ली थी सेवानिवृत्ति
जानकारी के अनुसार, बिहार के सारण जिले के सोनपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले अरुण सिंह ने बीएसएफ से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली है।
नवंबर 2021 में बिहार एसटीएफ की मदद से रांची एसटीएफ की टीम ने उसे 909 कारतूस के साथ गिरफ्तार किया था।
ऐसे हुआ था खुलासा
दरअसल, बीते साल झारखंड एसटीएफ ने एक नक्सली को गिरफ्तार किया थाए जिसकी निशानदेही पर धनबाद से उपेंद्र नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था।
उपेंद्र ने ही पुलिस को बताया कि उसे सेना का जवान अरुण सिंह कारतूस बेचता है। इसके बाद वह उस कारतूस को माओवादियों और झारखंड के अपराधियों को बेच देता है।
उपेंद्र ने पुलिस को बताया था कि उसकी मुलाकात पटना के एक अपराधी ने पटना जंक्शन के पास स्थित एक होटल में अरुण सिंह से कराई थी।
अरुण सिंह उसे 100 रुपए के रेट से कारतूस बेचता था, जिसे वह ऊंची कीमत पर झारखंड में बेच देता था।