रांची: झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने जनजातीय सलाहकार परिषद (टीएसी) के नियमावली में बदलाव का निर्देश दिया है।
राज्यपाल ने स्पष्ट कहा है कि नियमावली कार्यपालिका के विपरीत है। उन्होंने टीएसी की नियमावली को संविधान की पांचवीं अनुसूची की भावना के खिलाफ और राज्यपाल के अधिकारों एवं शक्तियों का अतिक्रमण बताया है।
जानकारी के अनुसार राज्यपाल ने टीएसी की फाइल सरकार को लौटा दी और कहा कि टीएसी में कम से कम दो सदस्यों को नामित करने की शक्ति राज्यपाल के पास होनी चाहिए।
उन्होंने लिखा है कि टीएसी के हर फैसले को अनुमोदन के लिए राजभवन के पास जरूर भेजना चाहिए।
जनजातियों के कल्याण को प्राथमिकता देनी चाहिये। टीएसी के हर फैसले को अनुमोदन के लिए राज्यपाल के पास भेजना चाहिए।
उन्होंने लिखा है कि सरकार ने टीएसी की नई नियमावली तैयार करते समय राज्यपाल से कोई परामर्श नहीं लिया, जो संविधान की मूल भावना के विपरीत है।
उन्होंने अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल एवं दूसरे विधि विशेषज्ञों की राय का हवाला देते हुए लिखा है कि पांचवीं अनुसूची के मामले में कैबिनेट की सलाह मानने को राज्यपाल बाध्य नहीं हैं। सरकार के पास फाइल पहुंचने पर इस पर गहन मंथन शुरू हो गया है।