गुमला: गुमला में जंगली हाथियों का उत्पात बदस्तूर जारी है। बुधवार की रात भी एक जंगली हाथी ने कामडारा ब्लाक के हांजड़ा बड़का टोली गांव के ग्राम प्रधान सह ग्राम शिक्षा समिति के अध्यक्ष बुधवा मुंडा उर्फ डुरू (50) को पैरों से रौंद डाला।
यही नहीं मृतक का एक हाथ भी कंधे से अलग कर दिया। हाथी करीब ढाई घंटे तक कोहराम मचाता रहा।
हाथी बुधवा मुंडा को मौत की नींद सुलाने के बाद बगल गांव सिसकारी पहुंच भिनसेंट सुरीन एवं मारकुस सुरीन के घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया।
घर में रखे अनाजों को चट कर गया। पहाड़गांव, पकरा, हांजड़ा, बम्हन्डीह, बुरूहातू समेत आसपास के इलाकों के करीब सौ से डेढ़ की संख्या में लोग हाथी भगाने का प्रयास कर रहे थे। तीन बार हाथी को खदेड़ा गया। मगर वह बार-बार वापस लौट उत्पात मचाता रहा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतक बुधवा मुंडा उर्फ डुरू नशे की हालत में था। वह अपने एक हाथ में टांगी व दुसरे हाथ में टार्च के सहारे हाथी को भगाने का प्रयास कर रहा था। इसी बीच कच्ची सड़क पर बुधवा मुंडा की मुठभेड़ हाथी से हो गई।
उसके साथ वाले लोग किसी तरह भाग कर जान बचाने में सफल रहे लेकिन बुधुवा मुंडा बच नहीं पाया। हाथी ने उसे सूंड़ से लपेट कर जमीन पर पटक-पटक कर और पैरों से रौंद कर मार डाला। उसका एक हाथ उखाड़ कर अलग फेंक दिया।
घटना की सूचना पर गुरुवार की सुबह कामडारा के थाना प्रभारी कौशलेंद्र कुमार, वन विभाग बसिया के प्रभारी वनपाल लिबनुस कुल्लू, भिखराम उराँव, राकेश मिश्रा घटनास्थल पर पहुंचे और घटना की जांच पड़ताल की।
वन विभाग की ओर से मृतक की विधवा शांति सुरीन को तत्काल 20 हजार रुपये की सहायता राशि सौंपी गई। कर्मियों ने शेष मुआवजा की राशि 3 लाख 80 हजार रुपये कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद मिलने का आश्वासन दिया।
राउमवि, हांजड़ा में शोक सभा आयोजित कर मृतक को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद स्कूल में पठन-पाठन बंद कर दिया गया। मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिये गुमला भेज दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि हाथियों के उत्पात को लेकर भरनो प्रखंड के वनटोली गांव में अपनी फसल की सुरक्षा के लिए खेत के चारों ओर करंट प्रवाहित बिजली का तार लगाया था।
मंगलवार की रात एक जंगली हाथी की मौत उक्त बिजली तार के संपर्क में आने से हो गई थी। बहरहाल जंगली हाथियों का उत्पात ग्रामीणों के लिए एक गंभीर समस्या बन गई है। वन विभाग इन हाथियों को भगाने में नाकाम साबित हो रहा है।