न्यूज़ अरोमा पाकुड़: झारखंड में प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने दीवार लेखन कर सदस्य बनने की अपील की है।
शुक्रवार को जिला मुख्यालय के मुख्य सड़क स्थित एक माॅल के सामने वाले मकान की दीवार पर “ज्वाइन पीएफआई” लिखा देखने के साथ ही लोग कई तरह की शंकाएं व्यक्त कर रहे हैं।
हालांकि प्रतिबंध के बावजूद इसकी गतिविधियां जिला मुख्यालय से सटे पश्चिम बंगाल के इलाके में बदस्तूर जारी है।
संगठन से जुड़े पाकुड़ जिले के लोग भी सक्रिय भागीदारी करते रहे हैं।
साथ ही झारखंड के सीमावर्ती इलाकों में भूमिगत तौर पर उनकी सक्रियता की भी बातें सुनी जाती रहीं हैं। हालांकि राज्य में सरकार बदलने के बाद से ही पीएफआई के दुबारा सक्रिय होने की चर्चा शुरू हो गई थी।
हालांकि पुलिस ने दीवार लेखन की जानकारी मिलते ही उसे मिटा दिया है। लेकिन शहरी इलाके में पीएफआई द्वारा दीवार लेखन कर सदस्य बनने की अपील करना पुलिस-प्रशासन के साथ ही खुफिया एजेंसियों की कथित सक्रियता पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि पाकुड़ के तत्कालीन डीसी दिलीप कुमार झा तथा एसपी शैलेंद्र प्रसाद वर्णवाल की संयुक्त रिपोर्ट के बाद तत्कालीन रघुवर दास की सरकार ने पीएफआई को प्रतिबंधित कर दिया था।
इतना ही नहीं पाकुड़ मुफसिल थाना क्षेत्र के रहसपुर गांव स्थित उसके कार्यालय सह प्रशिक्षण केन्द्र में छापामारी कर कंप्यूटर आदि के साथ ही बड़ी मात्रा में पैम्फलेट, पोस्टर बैनर आदि जप्त भी किया था।
उधर दीवार लेखन कर सदस्य बनने की अपील के बाबत एसडीपीओ अजीत कुमार विमल ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह किसी असामाजिक तत्व की करतूत लगती है।
फिर भी हमने गंभीरता पूर्वक इससे जुड़े सभी बिंदुओं पर जांच शुरू कर दी है।