नई दिल्ली: आजकल कई दुकानदार 10 रुपए का सिक्का लेने से मना कर रहे हैं। इतना ही नहीं कई रिक्शावाले बोल देते हैं कि 10 रुपए का सिक्का नहीं लेने वाले हैं, क्योंकि यह सिक्का नहीं चलता या फिर यह नकली है।
दरअसल इसके पीछे वजह है कि बाजार में 10 रुपए के कई तरह के सिक्के मौजूद हैं।इसके बाद लोगों के दिलों में भ्रम है कि यह नकली हैं।
इस आशंका को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने संसद में स्पष्ट किया है कि 10 रुपए के सिक्के पूरी तरह मान्य हैं और ये नकली नहीं हैं।
सरकार की ओर से कहा गया कि 10 रुपए के सिक्कों को सभी प्रकार के लेन-देन के लिए लीगल टेंडर के तौर पर इस्तेमाल हो सकता है।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने 8 फरवरी को राज्यसभा में कहा कि 10 रुपए के सभी प्रकार के सिक्के लीगल टेंडर हैं।
उन्होंने कहा कि विभिन्न आकार, थीम और डिजाइन में भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र के तहत मिंटेड और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा सर्कुलेट किए गए 10 रुपए के सिक्के लीगल टेंडर हैं। इन्हें सभी प्रकार के ट्रांजेक्शन में लीगल टेंडर के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
पंकज चौधरी राज्यसभा में ए विजयकुमार के प्रश्न का उत्तर दे रहे थे।
पंकज चौधरी ने कहा कि जब 10 रुपए के सिक्के नहीं लेने की शिकायतें आती हैं,तब इस लेकर आरबीआई भी समय-समय पर लोगों को जागरूक करता रहता है।
आरबीआई समय-समय पर जनता से बिना किसी झिझक के अपने सभी लेनदेन में सिक्के को लीगल टेंडर के रूप में स्वीकार करने का आग्रह करता है।
इसके अलावा आरबीआई इस बारे में पूरे देश में एसएमएस के जरिए जागरुक कर प्रिंट मीडिया अभियान भी चलाता है।
जनता के मन में जागरुकता पैदा करने, भ्रांतियों व भय को दूर करने के लिए, आरबीआई समय-समय पर प्रेस विज्ञप्ति जारी करता है और जनता से बिना किसी झिझक के अपने सभी लेनदेन में सिक्के को लीगल टेंडर के रूप में स्वीकार करने का आग्रह करता है।