तिरुवनंतपुरम: कहते हैं प्रेम तमाम अवरोधों को पार कर लेता है कुछ ऐसा ही केरल में होने जा रहा है।
इस बार वैलेंटाइन डे यानी 14 फरवरी को एक ट्रांसजेंडर कपल विवाह करने जा रहा है। एलजीबीटी समुदाय के लिए कानून बनने के बावजूद अभी तक देश में ट्रांसजेंडर कैटेगरी में कोई भी रजिस्टर्ड मैरिज नहीं हुई है।
इसलिए इस जोड़े ने अब अपना विवाह ट्रांसजेंडर श्रेणी में रजिस्टर्ड कराने का फैसला किया है। यह पहली बार होगा कि भारत में कोई भी शादी ट्रांसजेंडर श्रेणी में रजिस्टर्ड होगी।
इससे पहले देश में कई ट्रांसजेंडर लोगों ने शादी की है लेकिन उन्होंने अपने विवाह को पुरुष और महिला कैटेगरी में ही रजिस्टर्ड करवाया है।
भारत मैं ट्रांसजेंडर लोगों के अधिकारों के लिए 2019 में ‘ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम 2019’ नामक एक कानून बनाया गया था।
इस कानून के लागू हो जाने के बावजूद भी देश में ट्रांसजेंडर लोगों को अभी सामाजिक मान्यता मिलने का इंतजार है।
यह ट्रांसजेंडर जोड़ा इस मामले में भी अनोखा है कि दोनों ही उच्च शिक्षित हैं और अपने कैरियर के एक ऊंचे मुकाम पर हैं।
त्रिशूर के निवासी मनु कार्तिक एक मल्टीनेशनल कंपनी में एचआर हैं, जबकि तिरुवनंतपुरम की रहने वाली श्यामा एस। प्रभु केरल के सोशल जस्टिस डिपार्टमेंट में ट्रांसजेंडर सेल में स्टेट प्रोजेक्ट अफसर हैं।
मनु और श्यामा एक दूसरे को काफी लंबे समय से जानते हैं। मनु ने करीब 4 साल पहले श्यामा से विवाह करने की इच्छा जताई थी।
लेकिन श्यामा ने अपने परिवार की जिम्मेदारियों को देखते हुए विवाह के लिए सहमति देने में लंबा समय लगाया और पिछले साल शादी के लिए उन्होंने रजामंदी जाहिर की।
कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन के कारण उनका विवाह नहीं हो पाया। अब ये कपल 14 फरवरी को विवाह के बंधन में बंधने जा रहा है।
मनु कार्तिक का मानना है कि भारत जैसे रूढ़िवादी समाज में किसी ट्रांसजेंडर का सामान्य जीवन बिताना काफी कठिन है।
आज अगर मनु इस मुकाम पर है तो उसमें अपनी मां का एक बड़ा योगदान मानते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी मां ने हमेशा पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया।
जिससे वे अपनी पहचान बना सके। इसी से कुछ मिलती-जुलती कहानी श्यामा की भी है। श्यामा के ऊपर उनके पूरे परिवार की जिम्मेदारी है और शादी के लिए सहमति जाहिर करना उनके लिए कठिन फैसला था। अब परिवार की सहमति के बाद उन्होंने शादी करने का फैसला किया है।