सिमडेगा: कोलेबिरा जवाहर नवोदय विद्यालय कोलेबिरा के 177 छात्रों ने बुधवार को विद्यालय की अव्यवस्था व खराब भोजन व्यवस्था के खिलाफ अपने आपको एक कमरे में सुबह नौ बजे से ही नाश्ता के बाद बंद कर लिया।
उपायुक्त के विद्यालय पहुंचने के बाद लगभग ढाई बजे के करीब बच्चे कमरे से बाहर निकले।
जवाहर नवोदय विद्यालय कोलेबिरा के 177 छात्रों ने बुधवार को सुबह का नाश्ता करने के बाद विद्यालय प्रशासन पर अव्यवस्था व घटिया भोजन देने का आरोप लगाते हुए अपने को एक कमरे में अपने आप को बंद कर लिया।
इसकी जानकारी विद्यालय प्रशासन एवं प्रखंड प्रशासन को मिली। प्रखंड प्रशासन में हड़कंप मच गया।
जानकारी मिलने पर जवाहर नवोदय विद्यालय कोलेबिरा के प्रचार बीपी गुप्ता एवं अन्य शिक्षकों के साथ छात्रों को मनाने कमरे के बाहर पहुंचे। किंतु छात्रों ने उनकी एक न सुनी।
इसके कुछ देर बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी अखिलेश कुमार, अंचला अधिकारी हरीश कुमार, थाना प्रभारी रामेश्वर भगत जवाहर नवोदय विद्यालय कोलेबिरा पहुंचे।
छात्रों को समझा कर कमरे से बाहर आने को कहा। किंतु छात्र उपायुक्त को बुलाने की मांग पर अड़ गये।
प्रखंड विकास पदाधिकारी अखिलेश कुमार ने छात्रों को उपायुक्त सुशांत गौरव से मोबाइल के द्वारा बात कराना चाहा किंतु छात्रों ने बात करने से मना कर दिया।
अनुमंडल पदाधिकारी महेंद्र कुमार जवाहर नवोदय विद्यालय कोलेबिरा पहुंचकर छात्रों को समझाने का प्रयास किया गया किंतु छात्र नहीं माने। पूरे मामले की जानकारी उपायुक्त को दी गई।
उपायुक्त सुशांत गौरव विद्यालय पहुंचे। उपायुक्त के आने के बाद बच्चों ने कमरे का दरवाजा खोल दिया। 15 छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बंद कमरे में उपायुक्त ने घंटों बच्चों से बातें की।
उपायुक्त ने कहा कि यह घटना काफी निंदनीय व हमारे लिए शर्मसार करने वाला है। छात्रों के द्वारा इस प्रकार की घटना कर विद्यालय गांव समाज जिला राज्य को बदनाम किया गया।
उन्होंने छात्रों से कहा कि अगर इस प्रकार की घटना अब दूसरे विद्यालय में होगी तो उस घटना का सूत्रधार इस विद्यालय के छात्र माने जाएंगे।
छात्रों के साथ बैठक करने के बाद उपायुक्त ने विद्यालय के सभी शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारियों के साथ प्राचार्य के कक्ष में बैठक की। बैठक में विद्यालय के विभिन्न समस्याओं पर विचार विमर्श किया गया।
उपायुक्त ने शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारी के साथ बैठक करने के बाद प्रखंड प्रशासन को निर्देश दिया कि विद्यालय में जितने भी छात्र इस आंदोलन में शामिल थे उनके अभिभावक को बुलाकर उन्हें बुधवार शाम पांच बजे तक घर भेज दिया जाए। जो अभिभावक विद्यालय नहीं पहुंच पा रहे है उनके बच्चों को प्रशासन घर पहुंचा दे।
दो शिक्षकों को विद्यालय छोड़ने का निर्देश
विद्यालय परिसर में मामले के पीछे दो शिक्षकों के होने की चर्चा हो रही थी। घटना में विद्यालय के दो शिक्षक के द्वारा पूरे मामले को हवा दिये जाने की बातें सामने आयी।
इसके बाद दोनों शिक्षकों को उपायुक्त ने विद्यालय जल्द से जल्द छोड़ने का निर्देश दिया।
विद्यालय में गंदगी देख प्रबंधन को उपायुक्त ने फटकार लगायी
विद्यालय निरीक्षण के क्रम में उपायुक्त ने भोजनालय के बाहर भारी मात्रा में भोजन पड़े हुये देख नाराजगी व्यक्त की। उपायुक्त ने कहा कि बचे हुए भोजन को गरीबों को दे दिया जाता तो अच्छा नहीं होता।
उपायुक्त भोजन बनाने वाले कुक से भी पूछताछ की। उपायुक्त ने छात्रों के छात्रावास का भी निरीक्षण किया। छात्रावास के शौचालय में गंदगी का अंबार था। जिसे देखकर उपायुक्त ने प्रबंधन में शामिल लोगों को फटकार लगायी।
छात्राओं से मिले उपायुक्त
उपायुक्त में विद्यालय के छात्राओं से मुलाकात किया। उन्होंने कहा आप सभी छात्रा धन्यवाद के भागी है। जो इस गलत काम में शामिल नहीं हये।
आप लोग किसी के बहकावे में ना आएं। अच्छी से पढ़ाई करें और अपना भविष्य उज्जवल करें।