कोलकाता: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के काफिले पर हमले के बाद अब भाजपा नेताओं के बंगाल दौरे को लेकर सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को दो दिवसीय दौरे पर बंगाल पहुंच रहे हैं।
उनकी सुरक्षा को लेकर अब बंगाल पुलिस पर भरोसा नहीं है।
ऐसे में उनके कार्यक्रमों के दौरान केंद्रीय एजेंसियां अब केन्द्रीय सुरक्षा बल तैनात किया जा रहा है।
इसी से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनकी सुरक्षा के लिए केंद्रीय बल ने स्थानीय पुलिस प्रशासन को पत्र लिखकर पूरा सहयोग करने को कहा है।
करीबी और बाहरी सुरक्षा घेरे में भारी संख्या में सुरक्षा बल के जवान तैनात रहेंगे, क्योंकि शाह की जनसभा के साथ-साथ बीरभूम जिले में रोड शो करने की भी योजना है।
इसीलिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने स्थानीय पुलिस प्रशासन से सहयोग की मांग की है।
नड्डा के काफिले पर हमला के बाद गृह मंत्री के दौरे के दौरान कोई ऐसी घटना न हो, इस पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है। शाह के कार्यक्रमों या फिर सफर के दौरान सड़क पर मौजूद लोगों की जांच की जाएगी।
भीड़ के बीच बड़ी तादाद में सादी वर्दी में सुरक्षा एजेंसियों के लोग भी मौजूद रहेंगे, ताकि कोई व्यक्ति कुछ गड़बड़ी करने की कोशिश करे तो उसे तत्काल प्रभाव से दबोचा जा सके।
शाह का यह दौरा उस इलाके में हो रहा है, जहां अक्सर ही सियासी संघर्ष एवं मारपीट की खबरें आती रहती हैं।
बीरभूम जिले में तो बम धमाका और झड़पें आम बात हैं।
बंगाल का जंगलमहल कहे जाने वाले पश्चिम-पूर्व मेदिनीपुर, बांकुड़ा, पुरुलिया, झारग्राम ऐसे जिले हैं, जहां माओवादी गतिविधियां भी चरम पर रही हैं।
इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर शाह के कार्यक्रम स्थल और आस पास के इलाकों में हर गतिविधियों पर विशेष नजर रखी जा रही है।
कद्दावर नेता शुभेन्दु अधिकारी और जितेंद्र तिवारी समेत कई नेताओं के तृणमूल से इस्तीफे के बाद बंगाल में भाजपा तथा तृणमूल के बीच सियासी तपिश चरम पर है। इसीलिए सुरक्षा व्यवस्था को अभेद्य बनाया जा रहा है।