नई दिल्ली: भारत में अमेरिकन ऑटोमेकर कंपनी फोर्ड ने फिर से वापसी के संकेत दिए हैं। बताया जा रहा है कि कंपनी भारत में सस्ती इलेक्ट्रिक कारें बनाएगी।
कंपनी इन इलेक्ट्रिक कारों का निर्यात भी करेगी। पिछले साल सितंबर में फोर्ड इंडिया ने अपने भारत से बाहर निकलने की घोषणा की थी।
फोर्ड उन 20 ऑटोमोबाइल कंपनियों में से एक है, जिनका चयन 25,938 करोड़ रुपये की पीएलआई स्कीम के तहत हुआ है।
यह इलेक्ट्रिक्स उत्पादों के निर्माण और उनकी बिक्री के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंटेंसिव स्कीम है।सरकार ने इस स्कीम के तहत दिए गए कंपनी के आवेदन को स्वीकार उसे शॉर्टलिस्ट कर लिया है।
माना जा रहा है कि फोर्ड गुजरात के साणंद प्लांट में इलेक्ट्रिक कारों का प्रोडक्शन करेगी। भारत में फोर्ड के दो कार प्लांट हैं।
कार निर्माता ने इससे पहले ईवी और बैटरी में 30 बिलियन डॉलर का निवेश करने की अपनी योजना का खुलासा किया था।
भारत से जाने से पहले फोर्ड का साणंद और मराईमलाई स्थित दो प्लांट में प्रोडक्शन होता था। कार निर्माता ने कहा है कि वह भारत में एक प्लांट का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक व्हीकल के प्रोडक्शन के लिए कर सकती है।
इसका मतलब यह हो सकता है कि फोर्ड ज्यादा किफायती ईवी के प्रोडक्शन में कई अन्य वैश्विक कंपनियों से आगे निकल सकती है।
इंसेंटिव के साथ भारत में इलेक्ट्रिक कार बनाने के लिए फोर्ड मोटर को सरकार की मंजूरी मिलना टेस्ला के लिए एक झटके के रूप में देखा जा रहा है।
दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी पिछले कई महीनों से भारत में एंट्री की कोशिश कर रही है। हालांकि टेस्ला ने अभी तक भारत में अपनी प्रोडक्शन प्लान को शेयर नहीं किया है।
जब फोर्ड भारत से बाहर निकली, तो उसने कहा था कि वह अपनी कारों को पूरी तरह से निर्मित इकाई के जरिए लाना जारी रखेगी। जिसमें मस्टैंग जैसे उसके मॉडल भी शामिल होंगे।