पटना: बिहार के पूर्व कैबिनेट मंत्री और भाजपा नेता सुरेश शर्मा ने रविवार को कैबिनेट मंत्री राम सूरत राय पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।
राय नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार में राज्य के भूमि सुधार और राजस्व मंत्री हैं।
वह 2021 में उस समय विवादों में आ गए थे, जब मुजफ्फरपुर जिले में उसके स्वामित्व वाले एक स्कूल से शराब की एक बड़ी खेप जब्त की गई थी।
शर्मा ने आरोप लगाया कि राय पेशे से ठेकेदार हैं और मुजफ्फरपुर जिले के भू-माफियाओं से उनके संबंध हैं। शर्मा ने आरोप लगाया कि उन्होंने भू-माफियाओं की मदद के लिए जिले में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के निर्माण में बाधा डाली।
भाजपा नेता ने दावा किया, बिहार सरकार की मंजूरी और एसटीपी के संबंध में फंड आवंटन पहले ही पूरा हो चुका है, लेकिन कैबिनेट मंत्री अपने निहित स्वार्थो के लिए इसके निर्माण की अनुमति नहीं दे रहे हैं।
उन्होंने मंत्री का भू-माफियाओं के साथ संबंध होने का आरोप लगाया है और उन्हें मदद के लिए इस प्रस्ताव में जानबूझकर बाधा उत्पन्न की है।
शर्मा ने कहा, हर कोई जानता था कि 2021 में बाढ़ का पानी मुजफ्फरपुर के कई इलाकों में प्रवेश कर गया था और एसटीपी की कमी के कारण जिले में जाम नालियों को खोला नहीं गया था। राय ने शहर को एक जीवित नरक में बदलने की साजिश रची है।
भाजपा नेता ने शहर में पानी की सुचारु रूप से निकासी के लिए अगुआई की है, मगर इसके लिए एक एसटीपी की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वह खुद इंजीनियर हैं।
शर्मा ने कहा, उन्हें (राम सूरत राय) मेरे जैसा बनने में लंबा समय लगेगा। वह राजनीति में आने से पहले एक किसान थे और अब लोगों को धमका रहे हैं।
वह कई भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं, जो सभी जानते हैं। दूसरी तरफ, कोई मेरे खिलाफ एक भी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा सकता। अगर कोई कर लगा सकता है, तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा।
आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए राय ने कहा कि शर्मा भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं, लेकिन उन्हें एक व्यक्ति के रूप में आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शर्मा निजी फायदे के लिए झूठे बयान दे रहे हैं।