अहमदाबाद: भारतीय टेस्ट टीम से बाहर किए जाने के 24 घंटे से भी कम समय में चेतेश्वर पुजारा ने रविवार को यहां मुंबई के खिलाफ रणजी ट्रॉफी एलीट ग्रुप डी में 83 गेंद में 91 रन की पारी खेली जिससे सौराष्ट्र की टीम फॉलोआन खेलने के बाद मैच ड्रॉ कराने में सफल रही।
सौराष्ट्र ने मैच के चौथे और अंतिम दिन दूसरी पारी में नौ विकेट पर 372 रन बनाकर मैच ड्रॉ कराया।
जब मैच ड्रॉ घोषित किया गया तब सौराष्ट्र की बढ़त सिर्फ 48 रन की थी लेकिन समय की कमी के कारण मुंबई की टीम संभावित जीत से वंचित रह गई।
रणजी ट्रॉफी में रिकॉर्ड 41 बार के चैंपियन मुंबई को पहली पारी में बढ़त के कारण तीन अंक से संतोष करना पड़ा। गत चैंपियन सौराष्ट्र को एक अंक मिला।
बाएं हाथ के स्पिनर शम्स मुलानी ने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 114 रन देकर सात विकेट चटकाए। उन्होंने पहली पारी में भी चार विकेट हासिल किए थे।
शनिवार को सीनियर बल्लेबाज पुजारा और अजिंक्य रहाणे को प्रदर्शन में निरंतरता नहीं होने के कारण मोहाली में चार मार्च से श्रीलंका के खिलाफ शुरू दो रही दो टेस्ट की श्रृंखला के लिए भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया था।
पुजारा पिछले एक साल में 14 टेस्ट में 24.08 की औसत से सिर्फ 602 रन बना पाए हैं।
पिछला टेस्ट शतक 2018-19 में आस्ट्रेलिया दौरे पर बनाने वाले पुजारा पहली पारी में खाता खोलने में भी नाकाम रहे थे जबकि रहाणे ने मुंबई की एकमात्र पारी में शतक जड़ा था।
अंतिम दिन का आकर्षण हालांकि पुजारा की पारी रही। उन्होंने स्वच्छंद होकर बल्लेबाजी की और 100 से अधिक के स्ट्राइक रेट से रन बनाए।
अपने मजबूत डिफेंस के लिए पहचाने जाने वाले पुजारा ने इस तरह अपनी छवि के विपरीत बल्लेबाजी की। उन्होंने अपनी पारी में 16 चौके और एक छक्का जड़ा।
विकेटकीपर सलामी बल्लेबाज स्नेल पटेल (98) सिर्फ दो रन से शतक से चूक गए। उन्होंने अनुभवी तेज गेंदबाज धवल कुलकर्णी की गेंद पर मुलानी ने लपका।
पटेल के सलामी जोड़ीदार हार्विक देसाई ने 62 रन बनाए। दोनों ने पहले विकेट के लिए 163 रन जोड़कर टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई।
पुजारा ने विश्वराज जडेजा के साथ चौथे विकेट के लिए 101 रन की साझेदारी की जिसमें उनके साथी का योगदान सिर्फ 16 रन का रहा।
मुंबई ने पहली पारी सात विकेट पर 544 रन बनाने के बाद घोषित की थी और फिर सौराष्ट्र को 220 रन पर ढेर करके उसे फॉलोआन दिया था।
एक अन्य मैच में सलामी बल्लेबाज शांतनु मिश्रा के नाबाद 103 रन के अलावा विकेटकीपर राजेश धूपर (52) के अर्धशतक से ओडिशा ने गोवा को बराबरी पर रोका।
गोवा के 387 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए ओडिशा ने सिर्फ 108 रन पर चार विकेट गंवा दिए थे लेकिन मिश्रा और धूपर के बीच पांचवें विकेट की 119 रन की साझेदारी से टीम सात विकेट पर 239 रन बनाकर मैच ड्रॉ कराने में सफल रही।
ओडिशा को पहली पारी में आठ रन की महत्वपूर्ण बढ़त हासिल करने के लिए तीन अंक मिले जबकि गोवा को एक अंक से संतोष करना पड़ा।