कोलकाता/हावड़ा: पश्चिम बंगाल के छात्र नेता अनीश खान की मौत से जुड़ी जांच के मामले में दो पुलिसकर्मियों और एक नागरिक स्वयंसेवक को मंगलवार को निलंबित कर दिया गया। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।
संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मद्देनजर पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन के एक दिन बाद ही इन तीनों कर्मियों को निलंबित कर दिया गया। इस मामले को लेकर पूरे राज्य में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘आमटा थाने के एक सहायक उप-निरीक्षक, एक सिपाही और एक नागरिक स्वयंसेवक को निलंबित कर दिया गया है। इसका सम्बन्ध अनीश खान मामले में चल रही जांच से है।’’
मृतक के परिजन का आरोप है कि 18 फरवरी को घटना की रात वर्दीधारी चार लोगों ने खान को उनके घर की तीसरी मंजिल से धक्का दे दिया था। खान का घर हावड़ा जिले के आमटा में है।
परिवार ने कहा कि घटना के दौरान पुलिस ने घर में जबरदस्ती घुसने के बाद खान के पिता को कथित तौर पर बंदूक बल पर रोक लिया। इससे पहले पुलिस ने दावा किया था कि उस रात कोई भी पुलिसकर्मी खान के घर नहीं गया था।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एसआईटी को 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपने के लिए कहा गया है। ममता बनर्जी सरकार के मुखर आलोचक खान की मौत ने राज्य को हिलाकर रख दिया है।
विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेज के छात्रों ने सड़क पर उतर कर सवाल किया है कि तीन दिन बाद भी कोई गिरफ्तारी क्यों नहीं की जा सकी। खान के परिवार ने घटना की सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा है कि उन्हें राज्य पुलिस पर विश्वास नहीं है।