बहराइच: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने भाजपा, सपा और कांग्रेस को दलितों और पिछड़ों की विरोधी करार देते हुए मंगलवार को दावा किया कि इन तीनों ही पार्टियों ने समाज के दबे-कुचले वर्गों के उत्थान के लिए कोई काम नहीं किया।
मायावती ने पयागपुर में देवीपाटन मंडल के बसपा उम्मीदवारों के समर्थन में आयोजित एक चुनावी जनसभा को सम्बोधित किया।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि कांग्रेस दलितों और आदिवासियों के हितों का सिर्फ नाटक करती रही है और अपनी गलत नीतियों के कारण कांग्रेस आज देश और कई राज्यों से सत्ता से बाहर हो गई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने बाबा साहेब (भीमराव आंबेडकर) को भारत रत्न नहीं दिया, जबकि उनके मिशन को आगे बढ़ाने वाले कांशीराम के निधन पर राष्ट्रीय शोक करने से परहेज किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मंडल आयोग की सिफारिशों को भी लागू नहीं किया था।
समाजवादी पार्टी (सपा) पर कड़ा प्रहार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सपा की सरकार में दंगाइयों औऱ गुंडों का बोलबाला रहा। सपा एक विशेष क्षेत्र और विशेष समुदाय के लिए काम करती है।’’
उन्होंने कहा कि सपा सरकार में दंगों के चलते तनाव की स्थिति बनी रहती है और उसने दलित बिरादरी के महापुरुषों के नाम पर बनी शैक्षिक संस्थाओं एवं जिलों के नाम बदल दिए थे।
बसपा अध्यक्ष ने केंद्र और उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इशारे पर चलने वाली पार्टी है और उसने दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और मुस्लिमों के लिए चलाई गई योजनाओं को बंद कर दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के शासनकाल में पात्र लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि 2007 में उसकी सरकार बनने पर रोजगार के लिए बाहर गए लोग वापस लौटे थे और बसपा ने लोगों को नौकरियां दी थी।
उन्होंने कहा, ‘‘अब नौकरियां न होने के कारण पलायन हो रहा है। हमारी सरकार आने पर हम सभी लोगों को दोबारा वापस बुलाकर रोजी-रोटी का प्रबंध करेंगे।’’
मायावती ने कहा कि उनकी सरकार बनी तो ‘गुंडे और माफिया’ जेल में होंगे। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को जांच कराकर वापस लिया जायेगा।