रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य की आर्थिक एवं सामाजिक विकास में नाबार्ड की भूमिका महत्वपूर्ण है।
विशेषकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूतीकरण में नाबार्ड सहित अन्य नेशनलाइज बैंक एवं प्राइवेट बैंक अपना योगदान देते हैं। इन सभी संस्थानों से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को काफी उम्मीदें होती हैं।
मुख्यमंत्री बुधवार को झारखंड मंत्रालय में नाबार्ड द्वारा आयोजित स्टेट क्रेडिट सेमिनार 2022-2023 को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि झारखंड प्रदेश में 70 प्रतिशत से अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। पहले से ही हमारा राज्य आर्थिक रूप से कमजोर रहा है।
कोविड-19 संक्रमण काल में व्यवस्थाएं और ज्यादा चरमरायी है। बैंक राज्य में सभी वर्ग-सभी समुदायों के लोगों को ऋण एवं अधिक से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने पर फोकस करे।
ऋण उपलब्ध कराने के प्रति उदासीन रवैया ठीक नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब, किसान, नौजवान एवं जरूरतमंदों के पास आर्थिक उपलब्धता नही रहने के कारण वे रोजगार सृजन नहीं कर पा रहे हैं।
क्षेत्र भ्रमण के दौरान कई बार मुझे आम जनता विशेषकर महिलाओं ने बैंकों के ऋण मुहैया नहीं कराए जाने की शिकायतें की हैं।
जरूरतमंदों के साथ बैंकों की रवैया उदासीन रहता है। यह बता पाना बहुत मुश्किल है कि आखिर ऐसा क्यों होता है।
बैंकिंग संस्थानों द्वारा ऋण उपलब्ध कराने के प्रति उदासीन रवैया ठीक नही, अतएव कार्यप्रणाली में सुधार की आवश्यकता है।
प्रत्येक क्षेत्र में सकारात्मक कार्य कर रही राज्य सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में रोजगार सृजन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, प्रत्येक व्यक्ति को आवास, सिंचाई हेतु चेक डैम-कैनाल निर्माण इत्यादि योजनाओं को जल्द पूरा कर प्रत्येक खेतों में पानी पहुंचाने का कार्य आदि क्षेत्रों में राज्य सरकार द्वारा प्रतिबद्धता के साथ कार्य की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास में भी नाबार्ड सहित क्षेत्रों में स्थापित विभिन्न बैंकों को और ज्यादा गंभीरता के साथ कार्य करने की आवश्यकता है।
कृषि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़
हेमन्त सोरेन ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखने के लिए कृषि के क्षेत्र में विशेष फोकस रखने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती-कृषि कार्य को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार ने कई महत्वकांक्षी योजनाओं का संचालन किया है।
बागवानी-पशुपालन सहित स्वयं सहायता समूहों को अन्य कार्यों के लिए भी ऋण मुहैया कराने का कार्य किया जा रहा है।
राज्य के शत-प्रतिशत किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड से आच्छादित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता रही है।
बैंक जरूरतमंदों को प्राथमिकता के साथ ऋण उपलब्ध कराएं
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि बैंक जरूरतमंद लोगों को सरलता के साथ ऋण उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। जनप्रतिनिधियों के पास अक्सर वैसे ही ग्रामीण अपनी फरियाद लेकर आते हैं, जिनके पास दु:ख,दर्द और तकलीफें होती हैं।
इस बात को समझने की जरूरत है कि जो लोग अपनी फरियाद लेकर आते हैं वे बहुत ज्यादा जरूरतमंद है, काफी उम्मीद लेकर वे हमारे पास आते हैं।
इसलिए हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है कि हम उन्हें हरसंभव मदद करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि नाबार्ड ऋण मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक पहल करे तभी गांव, गरीब, किसान,महिला एवं नौजवान खुशहाल और समृद्ध होंगे।
एसटी और एससी समुदाय के लोगों को भी प्राथमिकता के साथ ऋण उपलब्ध कराएं बैंक: पत्रलेख
इस मौके पर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि एसटी और एससी समुदाय के लोगों को बैंकों द्वारा ऋण प्रतिबद्धता के साथ नही उपलब्ध कराई जा रही है।
बैंक इस कैटेगरी के लोगों को भी प्राथमिकता के साथ ऋण उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। राज्य सरकार ने 58 लाख बिरसा किसानों को एक अम्ब्रेला के भीतर लाने का काम किया है। सभी 58 लाख बिरसा किसानों को केसीसी से जोड़ना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रड्क्ट स्किम पर कार्य योजना बनाएं: मुख्य सचिव
इस अवसर पर राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने कहा कि राज्य में 35 लाख किसानों को पीएम सम्मान योजना का योजना का लाभ दिया गया है, परंतु किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) से 10 लाख से ज्यादा किसानों को नहीं जोड़ा जा सका है।
मुख्य सचिव ने कहा कि नाबार्ड आने वाले एक वर्ष में शत-प्रतिशत किसानों को केसीसी उपलब्ध कराए यह सुनिश्चित करें। राज्य को नाबार्ड से मिलने वाले ऋण को दोगुना किया जाए।
मौके पर कई कृषि उत्पादक संगठन, समिति, महिला स्वयं सहायता समूह, जल छाजन समिति तथा कृषि-बागवानी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसानों को मुख्यमंत्री के कर कमलों से सम्मानित किया गया।