तिरुवनंतपुरम: रूस की ओर से गुरुवार को यूक्रेन पर हमला किए जाने के बाद स्थिति लगातार बिगड़ रही है। बमबारी शुरू होने के बाद न केवल यूक्रेन के नागरिक बल्कि वहां रह रहे भारतीय मूल के नागरिकों की जान भी जोखिम में है।
इस बीच मूल रूप से दक्षिण भारतीय राज्य केरल के एक डॉक्टर ने कहा है कि यूक्रेन में रह रहे केरलवासी युद्ध छिड़ने के बाद स्तब्ध हैं और उन्हें सुरक्षित जगह तलाशने के लिए कहा गया है। भारतीय मूल के डॉक्टर अब यूक्रेन के कीव से बाहर चले गए हैं।
गुरुवार को यहां मीडिया से फोन पर बात करते हुए, वहां मलयाली एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अंजार ने कहा कि यूक्रेन सरकार ने अब सभी को कहा है कि लोग बम शटर जाएं, यानी बमबारी से बचने के लिए सुरक्षित जगह पर पनाह लें।
अंजार ने कहा, ये बम शटर हवाई हमलों के लिए सुरक्षित स्थान हैं। यहां स्थिति यह है कि सड़कों पर काफी ट्रैफिक है, क्योंकि लोग सुरक्षित स्थानों पर जाने की कोशिश कर रहे हैं।
पेट्रोल स्टेशनों को अब बंद कर दिया गया है, क्योंकि इन्हें निशाना बनाया जा रहा है और बमबारी की जा रही है। हवाई अड्डे भी टारगेट पर हैं।
अंजार ने कहा, मैं कुछ दिन पहले तक कीव में था, लेकिन जब मामला तनावपूर्ण हो गया, तो कुछ केरलवासी कीव से बाहर चले गए। हालांकि, कीव में एक चिकित्सा पेशेवर शैलेश प्रसाद ने कहा कि वह अपने अपार्टमेंट में रह रहे हैं।
प्रसाद ने कहा, हमारा सभी से अनुरोध है कि कृपया दहशत की स्थिति पैदा करने की कोशिश न करें। हम यहीं हैं और सुरक्षित हैं।
यूक्रेन में मेडिकल के छात्र देव नंदू ने कहा कि गुरुवार सुबह उनके कुछ दोस्त और सहपाठी भारत लौटने के लिए कीव हवाईअड्डे जा रहे थे, तभी बम हमले की खबर आई।
नंदू ने कहा, मैंने उनसे बात की है और उन्हें सुरक्षित रहने और अपने सभी दस्तावेज सुरक्षित रखने के लिए कहा है। हवाईअड्डे को अब बंद कर दिया गया है। आंकड़ों के मुताबिक यूक्रेन में करीब 18,000 छात्र और 2,000 लोग हैं, जिनमें केरलवासी भी अच्छी संख्या में हैं।
गुरुवार को नेता प्रतिपक्ष वी.डी. सतीसन ने केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखकर केरलवासियों, जिनमें ज्यादातर छात्र शामिल हैं, को जल्द से जल्द वापस लाने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की।
गुरुवार को एयर इंडिया का एक विमान, जिसे भारतीय मूल के लोगों को वापस लाना था और कीव हवाई अड्डे पर उतरना था, उसे स्थिति अस्थिर होने के बाद वापस लौटना पड़ा।