जामताड़ा: झारखंड के जामताड़ा-धनबाद सीमा पर स्थित बरबेंदिया पुल के पास नौका डूबने से लापता लोगों की तलाश के लिए शुक्रवार की सुबह राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम ने मोर्चा संभाला।
सुबह से ही लोगों को खोजने का कार्य शुरू हो गया है।
मौके पर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ स्थानीय लोगों की भारी भीड़ जमा है। हादसे का शिकार हुए लोगों की संख्या को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं।
कुछ स्थानीय लोगों ने प्रशासन की कार्य प्रणाली से नाराजगी जाहिर की और जमकर हंगामा किया।
बताया जा रहा है कि नौका पर सवार ज्यादातर लोग जामताड़ा जिले के रहने वाले थे। यह लोग धनबाद के मजदूरी कर लौट रहे थे।
यह सभी निरसा घाट पर इस नौका पर सवार हुए। इनमें से ज्यादातर लोगों के जामताड़ा के वीरगांव और श्यामपुर के होने की संभावना है।
घाट के पास मौजूद कुछ स्थानीय लोगों के अनुसार हादसा गुरुवार देर शाम मौसम बिगड़ने के बाद हुआ।
इस दौरान तेज हवा के साथ हुई बारिश और बिजली कड़कने से नौका का संतुलन बिगड़ा। नौका डूबते ही सभी लोग एक साथ नदी में समा गए।
ग्रामीणों ने डूब रहे वीरगांव के सुरेश मुर्मू, शहरजोरी के दो युवक और मेंझिया के परसित कुमार मंडल को बाहर निकाल लिया।
उन्हें एंबुलेंस की मदद से जामताड़ा भेजा गया। मेंझिया गांव के ही रहने वाले दो बच्चे समेत चार लोग लापता हैं।
एसपी और डीसी घटनास्थल पर पहुंचे
मौके पर उपायुक्त फैज अहमद मुमताज, एसपी दीपक कुमार सिन्हा दलबल के साथ पहुंचे। सूचना मिलते ही गोड्डा के पूर्व सांसद फुरकान अंसारी भी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों की हर संभव मदद का भरोसा दिया।
लोगों में बढ़ा आक्रोश
बाहर निकाले गए लोगों के अनुसार निरसा घाट से नाव पर 25 लोग सवार हुए थे। नाव पर भारी सामान और आठ बाइक भी लादी गई थी।
घटना के बाद चार लोगों को बचा लगा लिया गया है। 21 लोगों की खोज की जा रही है। देर रात बारिश शुरू हो जाने के बाद पुलिस की ओर से चलाया जा रहा बचाव का काम अंधेरे की वजह से बंद करना पड़ा।
इस बीच आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों का घेराव कर रोड पर जाम लगा दिया।
ग्रामीणों ने इसे पुलिस-प्रशासन पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया। ग्रामीणों की मांग थी कि सभी लापता लोगों की तलाश करें और हादसे में घायलों को इलाज करवाएं।