रांची: राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि सदन में उपस्थित प्रत्येक सदस्य का यह दायित्व बनता है कि वे राज्यहित को सर्वोपरि रखते हुए राज्यवासियों की आशाओं-आकांक्षाओं की पूर्ति करने और उनके लिए आवश्यक कानून बनाने के लिए कृत संकल्पित रहें।
राज्यपाल शुक्रवार को झारखंड विधानसभा के बजट सत्र शुरू होने के अवसर पर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था पर देश की जनता द्वारा प्रकट किया जाने वाले विश्वास, लोकतंत्र की नींव को मजबूत करता है।
हमारी सरकार का स्पष्ट मत है कि पारस्परिक चर्चा-परिचर्चा तथा वाद-विवाद लोकतंत्र को और सशक्त बनाते हैं।
विरोध के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा, समाज और देश को कमजोर करती है। हमें इससे बचना चाहिए। राज्य के विकास के प्रति हमारी सरकार वचनबद्ध है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार स्वच्छ, संवेदनशील, पारदर्शी एवं उत्तरदायी प्रशासन की स्थापना के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
इससे विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं एवं कार्यों का निष्पादन निर्धारित समय-सीमा के अंदर किया जाना सुनिश्चित हो सके।
लोक कल्याणकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ लक्षित व्यक्तियों तक पहुंचाया जा सके। राज्य में शांति व्यवस्था स्थापित हो, उद्योग धंधों का विकास हो तथा विकास का समुचित लाभ राज्य की जनता को प्राप्त हो।
इसके लिए सरकार द्वारा नीतियों में अपेक्षित सुधार किया जा रहा है। साथ ही जहां भी अपेक्षित है, नई नीतियों का निर्माण एवं नियमों-विनियमों में आवश्यक संशोधन भी हमारी सरकार द्वारा किया जा रहा है।
राज्यपाल ने राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे विकास कार्यों से सदन को अवगत कराया। वहीं दूसरी ओर विधायकों को नसीहत देते हुए कहा कि प्रत्येक सदस्य का यह दायित्व है कि वे राज्यहित को सर्वोपरि रखते हुए जनता की आकांक्षाओं को पूरा करें।
उन्होंने कहा कि संविधान देश के सभी नागरिकों को समुचित अधिकार दिए हैं, नागरिकों के अधिकार को अक्षुण्ण रखना हमारा दायित्व हैं। वाद विवाद लोकतंत्र को सशक्त बनाता है लेकिन वाद विवाद का स्तर ऊंचा हो।
उन्होंने कहा कि जनहित में राज्य सरकार ने कई नीतियों में अपेक्षित सुधार किया है। नए झारखंड के निर्माण की दिशा में भी सरकार तेजी से काम कर रही है।
दो वर्षों में जमीनी स्तर पर किये गए सुधार का नतीजा है कि सभी क्षेत्र में अभूतपूर्व सुधार आया है। दो लाख से अधिक किसानों को 825 करोड़ रुपये हस्तांतरित किये गए हैं।
स्थानीय लोगों की भागीदारी निजी क्षेत्रों में भी हो इसके लिए सरकार ने निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की है। इतना ही नहीं रोजगार की समुचित व्यवस्था भी सरकार कर रही है।