पटना: बिहार विधानसभा के बजट सत्र का पहला दिन सत्तारूढ़ भाजपा के एक विधायक द्वारा अल्पसंख्यकों के खिलाफ भड़काऊ बयान देने और जदयू के एक नेता की गौरक्षकों द्वारा कथित रूप से पीट-पीटकर हत्या किए जाने के खिलाफ विपक्ष के विरोध-प्रदर्शन के कारण हंगामेदार रहा ।
कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान और राजेश राम ने राज्यपाल फागू चौहान के बिहार विधानमंडल के संयुक्त सत्र के संबोधन का शुक्रवार को बहिष्कार किया।
बिस्फी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले हरिभूषण ठाकुर बचोल ने कहा था कि मुसलमानों को विभाजन के समय एक अलग देश दिया गया था और जिन लोगों ने यहां रहने का विकल्प चुना है उन्हें मतदान के अधिकार से वंचित कर दिया जाना चाहिए ।
बचोल ने उस समय यह आपत्तिजनक टिप्पणी की थी जब उनसे पत्रकारों द्वारा असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम की ओर से निर्वाचित निकायों में अल्पसंख्यक समुदाय के आनुपातिक प्रतिनिधित्व की मांग के बारे में पूछा गया था ।
हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के बिहार में पांच विधायक हैं और राज्य इकाई के प्रमुख अख्तरुल ईमान ने भाजपा विधायक बचोल की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि वह इस मामले को अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के संज्ञान में लाएंगे और बचोल को अयोग्य घोषित करने की मांग करेंगे।
कांग्रेस के विधायक बचोल के बयान और जदयू नेता मोहम्मद खलील रिजवी की हत्या की निंदा करते हुए विधानसभा परिसर में नारेबाजी की ।
रिजवी का शव हाल ही में समस्तीपुर जिले में जमीन के नीचे गड़ा हुआ पाया गया था ।
सोशल मीडिया पर हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें रिजवी पर गोमांस खाने का आरोप लगाते हुये भीड़ द्वारा पिटते देखा गया था ।
पुलिस के अनुसार इस हत्या के सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है ।
कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने पीटीआई- से कहा, ‘‘हमारी पार्टी ने यह फैसला किया है कि हम में से कुछ लोग राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार करेंगे ताकि रिजवी से जुड़ी नृशंस घटना और बचोल के आपत्तिजनक बयान को लेकर लोगों के बीच के रोष का प्रकटीकरण हो सके।