जमशेदपुर: जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के घोटाले से जुड़ा एक और मामला एमजीएम मेडिकल कॉलेज अस्पताल से जुड़ गया है।
लेकिन, इस बार अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोई गड़बड़ी नहीं की गई है, बल्कि उसका साइट हैक कर कई जन्म प्रमाण पत्र बनाये गये हैं।
चार प्रमाण पत्र का अब तक पता चला है। इसके आलोक में एमजीएम प्रबंधन की ओर से फिलहाल साइबर थाने में मामला दर्ज करा दिया गया है।
अस्पताल में सत्यापन के लिए आने प्रमाण-पत्र पकड़े गए
करीब 10 दिन पहले इस घटना का पता तब चला, जब एक जन्म प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए वहां आया। फिर तीन और प्रमाण पत्र आये।
जब जांच की गई तो एमजीएम अस्पताल में उसका विवरण ही नहीं मिला। जन्म-मृत्यु पदाधिकारी सह अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. नकुल चौधरी ने गौर से देखा तो उस पर उनके दस्तखत भी फर्जी तरीके से किये जाने का पता चला।
उन्होंने इस मामले की जानकारी अधीक्षक डॉ. अरुण कुमार और जिला सांख्यिकी पदाधिकारी सुकुल उरांव को दी।
अधीक्षक ने इस मामले से उपायुक्त सूरज कुमार को भी अवगत कराया। उनके निर्देश पर साइबर थाना में मामला दर्ज कराया गया।
अब साइबर थाना इस बात का पता लगा रहा है कि इस फर्जी साइट का निर्माण किस आईपी एड्रेस से किया गया है। इसके बाद ही आरोपी को पकड़ा जा सकेगा।
चारों प्रमाण पत्र खारिज करने को लिखा पत्र
गलत तरीके से जारी चारों जन्म प्रमाण पत्रों को खारिज करने के लिए एमजीएम अस्पताल प्रबंधन ने सांख्यिकी विभाग को पत्र लिखा है।
सांख्यिकी विभाग ने इस पत्र के आलोक में राज्य सांख्यिकी निदेशालय को पत्र भेजा है। वहां से मामला जन्म-मृत्यु के महानिबंधक को भेजा जाएगा। इसके बाद ही चारों प्रमाणपत्र खारिज होंगे।
ओटीपी नहीं होने से परेशानी
अब तक जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रारों के पास जो वेबसाइट है, उसे हैकरों से सुरक्षित रखने का कोई उपाय नहीं है।
जानकार बताते हैं कि अगर इसे ओटीपी युक्त कर दिया जाये तो इस समस्या से निजात पायी जा सकती है। यह तभी संभव है, जब जन्म-मृत्यु महानिबंधक की ओर से ऐसा प्रावधान किया जाये।