गुवाहाटी: यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद वहां से दो उड़ानों के जरिये काफी लोगों को स्वदेश लाया जा चुका है, लेकिन अब भी बड़ी संख्या में भारतीय निकाले जाने का इंतजार कर हैं और उन्होंने भारत सरकार से उन्हें सुरक्षित निकालने की अपील की है।
कई भारतीय छात्रों ने यूक्रेन में भीषण युद्ध से बचने की उम्मीद में पोलैंड सीमा तक पहुंचने के लिए जमा देने वाली ठंड में 35 किलोमीटर की दूरी तय की, लेकिन वे वहां फंस गए हैं और उनके पास भोजन और कोई आश्रय नहीं है।
‘होरबाचेव्स्की तेरनोपिल नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी’ की छात्रा नृपाक्षी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से फोन पर कहा, “यह लंबी यात्रा थी और हमारे शरीर जवाब दे रहे थे, लेकिन हम बस एक-दूसरे को संभालते हुए इस उम्मीद में आगे बढ़ते रहे कि एक बार जब हम सीमा पर पहुंच जाएंगे तो शायद ये सब खत्म हो जाएगा।”
उन्होंने कहा, “लेकिन यह अंत नहीं है, कई घंटे बाद हम अभी भी इंतजार कर रहे हैं। हमने सभी हेल्पलाइन नंबर पर मदद मांगने की कोशिश की, लेकिन कोई जबाव नहीं मिला।”
एक अन्य छात्र आशुतोष ने कहा, “हम करीब 300 छात्र-छात्राएं यहां फंस गए हैं। शेयनी-मेदयेका सीमा पर तापमान शून्य से चार डिग्री सेल्सियस नीचे चल रहा है और हमारे पास सिर छिपाने की कोई जगह नहीं है।
कोई जवाब नहीं मिल रहा।” आशुतोष भी मेडिकल के छात्र हैं। उन्होंने कहा, “हम 35 किलोमीटर चलकर आए हैं, इसलिए लौटने का कोई सवाल ही नहीं बनता है।”
कीव स्थित भारतीय दूतावास ने शनिवार को ट्वीट किया था कि यूक्रेन में भारतीय दूतावास के हेल्पलाइन नंबर का इस्तेमाल कर भारत सरकार के अधिकारियों के साथ समन्वय के बिना किसी भी सीमा चौकी की ओर न बढ़ें।
दूतावास ने कहा था कि उन भारतीयों को निकालना मुश्किल हो रहा है, जो बिना सूचना दिए सीमा जांच चौकियों पर पहुंच गए हैं।
यूक्रेन के ‘वी एन काराजिन खारकीव नेशनल यूनिवर्सिटी’ से मेडिकल की पढ़ाई कर रहीं ए भौमिक त्रिपुरा से हैं और सुरक्षित घर लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रही हैं।
वह पूर्वोत्तर राज्य के अनुमानित 50 छात्रों में से हैं, जो रूसी आक्रमण के बाद यूक्रेन में फंसे हुए हैं।
भौमिक ने ‘पीटीआई-भाषा’ से फोन पर कहा, “पिछले तीन दिन से हम भारी बमबारी और गोलाबारी की आवाजें सुन रहे हैं। पानी खत्म हो गया है और खाना भी खत्म होने वाला है। हम बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं।”
उन्होंने भारत सरकार से छात्रों को शीघ्र सुरक्षित निकालने की अपील की। इस बीच, यूक्रेन से वापस लाए गए लोगों में असम के कम से कम चार छात्र भी शामिल हैं। ये लोग शनिवार से यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के अभियान में जुटी एअर इंडिया की दो उड़ानों से आए हैं।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने छात्रों की वापसी की पुष्टि की। इनमें से दो छात्र यूक्रेन से आई पहली उड़ान, जबकि दो अन्य रविवार को नयी दिल्ली पहुंची उड़ान से लौटे हैं।
सरमा ने शनिवार रात ट्वीट किया, “हम हमारे विद्यार्थियों-तन्मयी और सिया का स्वागत करते हैं, जिन्हें यूक्रेन से सुरक्षित निकाला गया और जो अभी मुंबई पहुंची हैं।”
उन्होंने बताया कि कि मुंबई में असम भवन के अधिकारी ने छात्राओं की अगवानी की और दोनों के वहां ठहरने तथा गुवाहाटी लौटने के प्रबंध किए जा रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि असम के दो और छात्र रविवार सुबह दिल्ली पहुंच गए हैं।