भोपाल : मध्य प्रदेश की कांग्रेस में चल रही अंदर खाने खींचतान के बीच प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी पकड़ को और मजबूत करने की कवायद तेज कर दी है।
एक तरफ जहां उनके संगठन को मजबूत करने के लिए दौरे जारी है, तो वहीं वे विभिन्न प्रकोष्ठ ओं की बैठके भी ले रहे हैं।
राज्य की कांग्रेस में बीते कुछ दिनों से बिखराव नजर आ रहा है ऐसा इसलिए क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से दूरियां बढ़ रही है।
इतना ही नहीं, पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव के अलावा पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह भी कमलनाथ के मंच पर नजर नहीं आ रहे हैं।
राज्य में लगभग डेढ़ साल बाद विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और चुनाव को लेकर कांग्रेस आशान्वित है। उसे इस बात की उम्मीद है कि जनता का इस बार उसे पिछले चुनाव से कहीं ज्यादा साथ मिलेगा और पार्टी की सत्ता में वापसी होगी।
पार्टी संगठन लगातार जमीनी तैयारियों में जुटी हुई है। घर चलो, घर-घर चलो- अभियान चलाया जा रहा है। दूसरी ओर कमलनाथ जिला स्तर पर संगठन को मजबूत करने के लिए बैठकर भी कर रहे हैं।
इसके अलावा, उन्होंने भोपाल में विभिन्न प्रकोष्ठ ओं की बैठकें भी आयोजित की हैं। इन बैठकों में कमलनाथ साफ संदेश दे रहे हैं कि अगले चुनाव में कांग्रेस का मुकाबला भाजपा के संगठन से रहने वाला है, लिहाजा पार्टी को पूरी ताकत से चुनाव लड़ने होंगे।
पार्टी के भीतर चल रही खींचतान के बीच कमलनाथ अपनी पकड़ को पार्टी में और मजबूत करना चाह रहे हैं। यही कारण है कि वह पहले के मुकाबले अब कहीं ज्यादा सक्रिय हैं।
पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि कमलनाथ अगला चुनाव पूरी तरह अपने मुताबिक लड़ना चाहते हैं। वे अपनी रणनीति में किसी भी नेता का दखल नहीं चाहते, यही कारण है कि अब उन्होंने खुद और अपने से जुड़े लोगों को चौतरफा सक्रिय कर दिया है।