रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन सोमवार को बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा देने की मांग को लेकर विपक्ष ने विधानसभा मुख्य द्वार पर जोरदार हंगामा और नारेबाजी की।
विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि सरकार के इशारे पर स्पीकर दो वर्षों से बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने राज्यसभा चुनाव में बाबूलाल को भाजपा विधायक का दर्जा दिया।
इसके बाद भी स्पीकर उन्हें नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं दिया। उन्होंने कहा कि एक तरफ स्पीकर प्रदीप यादव से झाविमो नेता के रूप में भाषण दिलाते हैं।
लेकिन वह कांग्रेस विधायक दल के उपनेता हैं। इससे साफ पता चलता है कि सरकार बाबूलाल मरांडी से डरी हुई है।
इसके अलावा अलग-अलग मांगों को लेकर तीन विधायक अलग-अलग धरने पर बैठे थे। धरने में आजसू विधायक लंबोदर महतो, भाजपा विधायक अपर्णा सेन गुप्ता और कांग्रेस विधायक मुख्य द्वार पर धरना पर बैठे थे।
लंबोदर महतो की मांग है कि झारखंड में 1932 के खतियान के अनुसार स्थानीय और नियोजन नीति बनाई जाए।
वहीं दूसरी ओर अपर्णा सेन गुप्ता लगातार दूसरे दिन धनबाद के निरसा तथा जामताड़ा के बीच बारबेदिया पुल का निर्माण अविलंब शुरू करने तथा लापता नौका दुर्घटना में लापता एवम मृतकों को 10 लाख का मुआवजा देने की मांग कर रहीं हैं।
वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ओबीसी आरक्षण 50 प्रतिशत करने और विस्थापन आयोग के गठन की मांग कर रहीं थीं।