नागपुर: युद्धग्रस्त यूक्रेन के उत्तरी-पूर्व हिस्से में स्थित शहर ‘सूमी’ के एक विश्वविद्यालय में 600 से अधिक भारतीय छात्र फंसे हैं और जल्द से जल्द वहां से सकुशल निकाल लिये जाने की आस लगाये बैठे हैं, क्योंकि रूसी सेना के लगातार हमले से वे लोग बहुत ही डरे हुए हैं। उन विद्यार्थियों में से एक ने यह जानकारी दी।
महाराष्ट्र के नागपुर निवासी विराज वाल्डे ने बुधवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को फोन पर बताया कि सूमी राज्य विश्वद्यालय के किसी भी भारतीय विद्यार्थी को वहां से निकाला नहीं जा सका है।
यह विश्वद्यालय रूसी सीमा के काफी निकट है। विराज इस विश्वद्यालय के मेडिकल पाठ्यक्रम में चतुर्थ वर्ष के छात्र हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘सूमी विश्वविद्यालय में 600 से अधिक भारतीय विद्यार्थी फंसे हैं। दूतावास ने न तो अभी तक हमलोगों को वहां से निकाला है, न ही इस बारे में कोई आश्वासन ही दिया है।
शहर में पिछले पांच दिनों से लगातार गोलाबारी और बमबारी हो रही है।’’
विराज ने कहा कि उनकी अंतिम परीक्षा 15 मार्च से होने वाली थी। उन्हेांने कहा, ‘‘यूक्रेन पर रूसी हमले से पहले, विद्यार्थियों को अस्थायी परामर्श दिये गये थे और विश्वद्यालय ने हमलोगों को सूचित किया था कि जिनकी परीक्षाएं होनी हैं, वे प्रतीक्षा कर सकते हैं। इसलिए, हमने परीक्षा शुरू होने की प्रतीक्षा की।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अब विद्यार्थी बहुत भयभीत हो गये हैं और उनकी मानसिक स्थिति बिगड़ रही है। भोजन एवं पेयजल की आपूर्ति में भी गिरावट दर्ज की गयी है। बैंक और एटीएम में भी नकदी का अभाव है।’’
विराज ने कहा, ‘‘यूक्रेन के पश्चिमी हिस्से की सीमा सूमी से कम से कम 1500 किलोमीटर दूर है।
सूमी के रेलवे स्टेशन को बमबारी के कारण बंद कर दिया गया है और सड़क मार्ग से यात्रा करना आत्महत्या करने के समान है, क्योंकि यूक्रेन और रूस की सेना के बीच घमासान जारी है।
उन्होंने कहा, ‘‘सूमी में फंसे सभी विद्यार्थियों की ओर से मैं भारत सरकार से आग्रह करता हूं कि कोई दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटित होने से पहले हम लोगों को यहां से सकुशन निकाल लिया जाए।’’