मुंबई: शेयर बाजारों में शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन गिरावट रही। रूस-यूक्रेन संकट के बीच वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख के साथ बीएसई सेंसेक्स शुक्रवार को 769 अंक का गोता लगाकर बंद हुआ।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स की शुरूआत कमजोर रही और कारोबार के दौरान यह एक समय 1,214.96 अंक तक लुढ़क कर 53,887.72 अंक तक खिसक गया था। अंत में यह 768.87 अंक यानी 1.40 प्रतिशत की गिरावट के साथ 54,333.81 अंक पर बंद हुआ।
इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 252.70 अंक यानी 1.53 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,245.35 अंक पर बंद हुआ।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘यूक्रेन में स्थित यूरोप के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र पर रूसी हमले की रिपोर्ट के बाद तनाव बढ़ने के साथ वैश्विक शेयर बाजारों में तेज बिकवाली हुई।
तेल के दाम में तेजी के साथ आपूर्ति संबंधी बाधाओं को लेकर अनिश्चितता होने से मुद्रास्फीति के भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर जाने की चिंता पैदा हुई है।’’
रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है।
हालांकि घरेलू बाजार में आईटी और दवा कंपनियों के शेयरों में लिवाली से गिरावट पर कुछ अंकुश लगा।
सेंसेक्स के शेयरों में टाइटन, मारुति सुजुकी इंडिया, एशियन पेंट्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा तथा हिंदुस्तान यूनिलीवर लि. में 5.05 प्रतिशत तक की गिरावट आयी।
दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में आईटीसी, डा. रेड्डीज लैबोरेटरीज, टेक महिंद्रा और अल्ट्रा टेक सीमेंट शामिल हैं।
एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग, चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक और जापान का निक्की नुकसान में रहे।
अमेरिकी शेयर बाजार बृहस्पतिवार को गिरावट के साथ बंद हुए।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.80 प्रतिशत बढ़कर 111.3 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
शेयर बाजार के आंकड़े के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक बिकवाल बने हुए हैं और उन्होंने बृहस्पतिवार को शुद्ध रूप से 6,644.65 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।