रांची: राज्य में भाषा विवाद समाप्त करने और भोजपुरी, मगही, अंगिका सहित अन्य को मान्यता देने की मांग को लेकर अखिल भारतीय भोजपुरी मगही मैथिली अंगिका मंच की ओर से आहूत रविवार को झारखंड बंद का असर राजधानी रांची में नहीं दिखा।
वहीं दूसरी ओर रांची की सड़कों पर किसी तरह का असर नहीं दिखा। यहां सामान्य दिनों की तरह बाजार लगा दिखा, लोगों की आवाजाही भी सामान्य रही।
बंद को सफल बनाने के लिए समर्थकों के साथ सड़क पर उतरे मंच के संयोजक कैलाश यादव को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
गिरफ्तारी के बाद बंद को सफल बताते हुए कैलाश यादव ने कहा कि भाषाओं को क्षेत्रीय सूची से हटाना गैरसंवैधानिक है और इसका विरोध जारी रहेगा। बंद समर्थकों को अभी कोतवाली थाना में रखा गया है।
बंद से जरूरी सेवा को मुक्त रखा गया
हालांकि बंद से जरूरी सेवा को मुक्त रखा गया था। बंद को लेकर रांची पुलिस अलर्ट पर थी। बंद समर्थकों से निपटने के लिए रांची पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे।
झारखंड पुलिस, सैफ, जैप सहित अऩ्य बलों के करीब चार हजार जवानों की तैनाती की गई है ताकि विधि-व्यवस्था संबंधित कोई परेशानी सामने नहीं आए।
दंडाधिकारियों को भी जिले में प्रतिनियुक्त किया गया है। बंद के दौरान उपद्रव मचाने वाले संदिग्धों पर भी विशेष नजर रख रहे हैं। बंद बुलाने वालों की एक-एक हरकत कैमरे में कैद हो सके इसके लिए वीडियोग्राफी की भी व्यवस्था की गयी है।
जिले के संवेदनशील इलाकों में क्यूआरटी भी तैनाती की गयी है। बंद को देखते हुए पूरे रांची में काफी संख्या में पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है।