रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सोमवार को कार्यवाही प्रारंभ होने के साथ ही विपक्षी दल के विधायकों ने सरकार पर हमला बोल दिया।
आजसू के अध्यक्ष सुदेश महतो ने सदन से सवाल किया कि रांची में पुलिस सड़क पर क्यों उतरी हुई है, क्या कारण है?
भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि रांची को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। पहचान पत्र दिखाकर एंट्री दी जा रही है। क्या धरना, प्रदर्शन,आंदोलन पर रोक है? विधायक सरयू राय ने कहा कि मेरी गाड़ी भी रोकी गई।
विधायक अमित मंडल ने कहा कि विधानसभा आने के क्रम में पुलिस ने पांच बार रोककर चेक किया। अमित मंडल कार्य संचालन नियमावली की पुस्तक लेकर आसन के समक्ष आ गए।
अमित मंडल के सवालों पर स्पीकर ने कहा कि लिखकर दीजिए, एक्शन होगा। कांग्रेस विधायक ने आरोपों पर मोर्चा संभाला। इसके बाद सदन में शोरगुल शुरू हो गया।
इसके बाद भाजपा विधायक अमर बाउरी ने कहा कि मुझे जेना मोड़ से रोकना आरंभ किया गया। सबको रोक रहे हैं। विधायक शशि भूषण मेहता ने कहा कि मुझे पुलिस ने रोका। अभद्र व्यवहार किया।
संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि विधानसभा घेराव कार्यक्रम के कारण विधि व्यवस्था कायम रखने के लिए पुलिस बल नियुक्त किया गया है।
झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार ने कहा कि विपक्षी सदस्य आज विशेषाधिकार की बातें उठा रहे हैं। ये वही लोग हैं जब आठ मई, 2017 को तीन मिनट में सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन बिल पेश किया। पूरे राज्य में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई।
उल्लेखनीय है कि आजसू पार्टी की ओर वर्ष 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति बनाने सहित अन्य मांगों को लेकर विधानसभा घेराव की रणनीति बनाई गई थी।
इस सूचना के बाद राजधानी रांची से लेकर विभिन्न जिलों में पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया। कई जिलों में रविवार देर रात से ही रांची आने की तैयारी में जुटे आजसू के समर्थकों को हिरासत में ले लिया गया।
इसके अलावा सोमवार को राजधानी में भारी सुरक्षा इंतजाम किए गए। बिना जांच के लोगों को विधानसभा की ओर जाने की अनुमति नहीं दी गई। पार्टी नेताओं का दावा है कि दल के कार्यालय के बाहर भी पुलिस जवानों की तैनाती की गई है।
विधायक बंधु तिर्की ने सरकार से वर्ष 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति बनाने की मांग की। इसके लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग रखी।
ओबीसी आरक्षण पर मुख्यमंत्री ने दिया जवाब
कार्यवाही के दौरान राज्य में ओबीसी आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आयोग की सिफारिश का अध्ययन किया जाएगा। इसके लिए अन्य राज्यों में लागू प्रावधानों को मंगाकर अध्ययन किया जाएगा।
इससे पहले कार्यवाही शुरू होते ही घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन ने बताया कि पूर्वी सिंहभूम के गुडाबांदा प्रखंड के कार्लाबेड़ा गांव में नक्सलियों ने तीन लोगों को मार डाला।
धमकी के कारण परिजन पुलिस थाने में शिकायत दर्ज नहीं करा पा रहे हैं। उन्होंने परिवार के लिए सरकार से मुआवजा मांगा। मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी।
सत्ता पक्ष-विपक्ष ने दिया धरना
कार्यवाही प्रारंभ होने से पहले सत्तापक्ष व विपक्ष के विधायकों ने अपनी-अपनी मांगों को लेकर सदन के बाहर धरना दिया।
भाजपा के विधायकों ने सरकार से नियोजन नीति स्पष्ट करने की मांग की। वहीं आजसू विधायक ने खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू करने की मांग की।