रांची: सदन में बादल पत्रलेख ने कहा है कि अब कोई भी थाना-पुलिस बालू ट्रैक्टर की चेकिंग नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि शिकायत मिली तो कार्रवाई होगी। बालू घाट नीलामी को लेकर 15 दिन के अंदर सभी उपायुक्त को पत्र लिखा जाएगा।
मंत्री ने कहा कि झारखंड स्टेट सैंड माइनिंग पॉलिसी 2017 के तहत केटेगरी-एक के बालू घाटों का संचालन पंचायत द्वारा किया जाता है, तो केटेगरी-दो का झारखंड राज्य खनिज विकास निगम लिमिटेड द्वारा।
केटेगरी-दो में कुल 608 बालू घाट है, जिसमे से मात्र 22 बालू घाटों का संचालन झारखण्ड राज्य खनिज विकास निगम लिमिटेड द्वारा हो रहा है।
आखिर सारा पैसा कहा जा रहा है?
इसी पर सुदेश ने पूछा तो बाकी 586 (608-22) बालू घाट का संचालन कौन कर रहा है। सुदेश ने यह भी कहा है कि पिछले तीन वर्षों में बालू के अवैध खनन से वसूली की गई राशि कम हो रही है।
आखिर सारा पैसा कहा जा रहा है। सरकार ने सदन को बताया है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में जब्त वाहनों की संख्या 888 थी तो वसूली राशि 409.96 लाख।
वित्तीय वर्ष 2020-21 में जब्त वाहनों की संख्या 1082 थी तो वसूली राशि 248.62 लाख। वित्तीय वर्ष 2021-22 में जब्त वाहनों की संख्या 1325 थी तो वसूली राशि 268.55 लाख हुई है।