रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के सातवें दिन मंगलवार को भोजनावकाश के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने विधायक निधि को बढ़ाने की मांग की।
भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने विधायक निधि को बढ़ाने की मांग की। उन्होंने कहा कि विधायक निधि बढ़ना चाहिए।
कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला ने कहा कि विधानसभा में 81 विधायक हैं। विधायक फंड नहीं बढ़ेगा तो कैसे होगा।
विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि अभी जो विधायक निधि के तहत राशि मिल रही है उससे कुछ होने जाने वाला नहीं है।
विधायकों को सरकारी आवास तो दे दिया गया है, लेकिन बिजली का बिल एक-डेढ़ लाख रुपये आ रहा है। विधायकों की जितनी तनख्वाह नहीं है, उतना तो बिजली बिल आ रहा है। इसलिए विधायक फंड की राशि बढ़ायी जाए।
इरफान अंसारी ने कहा कि इस बार सरकार ने बड़ा बजट बनाया है। उन्होंने कहा कि एक लाख एक हजार 101 करोड़ का बजट है।
हर विभाग के बजट से एक-एक करोड़ लेकर विधायक निधि में लगाया जाए। विधायक निधि की राशि कम से कम आठ करोड़ करना चाहिए। इस दौरान झामुमो विधायक बैद्यनाथ राम ने भी विधायक फंड बढ़ाने की मांग की।
इस पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि झारखंड विधानसभा में विधायकों ने कई बार विधायक निधि बढ़ाने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि मधु कोड़ा सरकार के समय विधायक फंड बढ़कर तीन करोड़ किया गया था। इसके बाद रघुवर सरकार के समय चार करोड़ हुआ था।
मंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 25 मार्च को विधानसभा सत्र के समापन भाषण के दौरान विधायकों की मांग के अनुरूप कुछ कहेंगे। इसके लिए विधायकों को अभी कुछ दिन इंतजार करना होगा।