बेंगलुरू: चंद्रयान-2 मिशन पर स्थित स्पेक्ट्रोमीटर चंद्र वातावरण संयोजन अन्वेषक-2 (चेस-2) ने चंद्रमा के वातावरण की बाहरी पतली परत में आर्गन-40 के वैश्विक वितरण का अब तक का पहला अवलोकन किया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने यह जानकारी दी।
इसरो ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि ये पर्यवेक्षण चंद्रमा के बाहरी वातावरण (एक्जोफियर) के गतिविज्ञान और चंद्रमा की सतह के नीचे शुरुआती कुछ मीटर में रेडियोधर्मी गतिविधियों पर रोशनी डालते हैं।
‘एक्जोफियर’ किसी खगोलीय पिंड के ऊपरी वातावरण का सबसे बाहरी क्षेत्र है जहां घटक अणु और कण दुर्लभ तरीके से ही एक दूसरे से टकराते हैं।
बयान के अनुसार, कुछ गैस हैं जो सतह से एक्जोफियर के बीच संपर्क की प्रक्रिया को समझने में महत्वपूर्ण अन्वेषक की भूमिका निभाती हैं और आर्गन-40 (एआर-40) इसी तरह का एक अन्वेषक है जिससे चंद्रमा की बाहरी परत के गतिविज्ञान का अध्ययन किया जा सके।
एआर-40 की उत्पत्ति चंद्रमा की सतह के नीचे मौजूद पोटेशियम-40 (के-40) के रेडियोधर्मी विखंडन से होती है।
इसरो के अनुसार, चेस-2 अवलोकन चंद्रमा के भूमध्यरेखीय और मध्य अक्षांश क्षेत्रों में फैली एआर-40 की दैनिक और स्थानिक भिन्नता की जानकारी प्रदान करते हैं।