कोयंबटूर: भारतीय सेना में भर्ती होने के सपनों के साकार नहीं हो पाने के बाद यहां का निवासी 21 वर्षीय एक युवक आक्रमणकारी रूसी बलों के खिलाफ लड़ने के लिये यूक्रेनी सेना में शामिल हो गया।
यह मामला तब सामने आया जब कुछ केंद्रीय खुफिया अधिकारी कुछ दिन पहले यहां के निकट थुडियालुर में सैनिकेश रविचंद्रन के घर उसके बारे में जानकारी लेने पहुंचे।
पुलिस ने कहा कि भारतीय सेना ने कथित तौर पर लंबाई के कारण सैनिकेश के आवेदन को दो बार खारिज कर दिया था। उसके मुताबिक सैनिकेश ने अमेरिकी सशस्त्र बलों में भर्ती होने के लिये अमेरिकी वाणिज्य दूतावास से भी संपर्क किया था।
सैनिकेश के माता-पिता ने अधिकारियों को बताया कि वह युद्धग्रस्त यूक्रेन में एरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है और वहां युद्ध शुरू होने से कुछ दिनों पहले ही उसे एक वीडियो गेम विकसित करने वाली कंपनी में नौकरी मिली थी।
उन्होंने कहा कि परेशान माता-पिता ने केंद्र सरकार से सैनिकेश का पता लगाने और उसे भारत वापस लाने की अपील की है, क्योंकि वह घर लौटने को तैयार नहीं था।
सैनिकेश 2018 से खारकीव में राष्ट्रीय एरोस्पेस विश्वविद्यालय में एरोस्पेस इंजीनियरिंग कोर्स कर रहा था और जॉर्जियन नेशनल लीजन में शामिल हो गया था जिसमें अर्धसैनिक इकाई के स्वयंसेवक शामिल थे और रूस के खिलाफ लड़ रहे थे।