रांची: झारखंड विधानसभा में चर्चा के दौरान राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने सदस्यों को भरोसा दिलाया कि विभाग के अंदर जो भी कमियां हैं, उसे दूर करेंगे।
उन्होंने कहा कि पुल-पुलिया के साथ सड़क भी विधायकों की अनुशंसा पर मिलेगी। वे मंगलवार को ग्रामीण विकास विभाग, पंचायती राज विभाग, पथ निर्माण विभाग, भवन निर्माण विभाग पर सरकार की ओर से उत्तर दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान मनरेगा के माध्यम से 1042 लाख मानव दिवस का सृजन किया गया। यह पूरे देश में रिकार्ड है। भारत सरकार ने भी इसकी सराहना की है।
कोरोना महामारी में मनरेगा से ही लोगों को रोजगार मिला। कई राज्यों में मनरेगा मजदूरों का मानदेय 300 रुपये है।
झारखंड सरकार ने कई बार केंद्र सरकार को मनरेगा मजदूरों का मानदेय बढ़ाने का आग्रह किया लेकिन केंद्र सरकार तैयार नहीं हुई।
इसके बाद झारखंड सरकार ने अपने मद से 27 रुपये बढ़ाकर मनरेगा मजदूरों का मानदेय 225 रुपये किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण डेढ़ वर्षों तक योजना स्वीकृत नहीं हुई लेकिन अब तेजी से योजनाओं को लिया जा रहा है।
विधायक निधि बढ़ाने के मामले पर आलमगीर आलम ने कहा कि इस पर 25 मार्च को मुख्यमंत्री घोषणा करेंगे। हमें 25 मार्च तक इंतजार करना होगा।
वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए ग्रामीण विकास विभाग के लिए 8051 करोड़ रुपये की अनुदान मांग ध्वनिमत मत से पारित हो गया।
इस दौरान विपक्ष ने सदन का बहिष्कार किया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्र नाथ महतो ने सभा की कार्यवाही नौ मार्च को दिन के 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।