नई दिल्ली: भारत और चीन सीमा विवाद को सुलझाने के लिए इस सप्ताह के अंत में कोर कमांडर स्तर की 15वें दौर की वार्ता के लिए तैयार हो गए हैं। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
सूत्र ने कहा, भारत और चीन ने पारस्परिक रूप से 11 मार्च, 2022 को चुशुल मोल्दो मीटिंग प्वाइंट के भारतीय पक्ष में कोर कमांडर स्तर की वार्ता के 15 वें दौर का आयोजन करने का निर्णय लिया है।
अब तक 14 दौर की बातचीत के परिणामस्वरूप पैंगोंग त्सो, गलवान और गोगरा हॉट स्प्रिंग क्षेत्रों के उत्तर और दक्षिण तट पर व्याप्त विवाद का समाधान हो गया है।
सूत्र ने कहा, दोनों पक्ष अब संतुलन तनाव वाले क्षेत्रों के समाधान को प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान खोजने के लिए दोनों पक्षों के हालिया बयान उत्साहजनक और सकारात्मक प्रकृति के रहे हैं।
दोनों देशों के बीच कोर कमांडरों की 14वें दौर की वार्ता इसी साल जनवरी में हुई थी।
सीमा मुद्दे को हल करने के लिए पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ निरंतर बातचीत में संलग्न रहते हुए, भारतीय सेना परिचालन (ऑपरेशनल) तैयारियों के उच्चतम स्तर को बनाए रखना जारी रखे हुए है।
विवाद को सुलझाने के लिए पैट्रोलिंग प्वाइंट 15 (हॉट स्प्रिंग) पर व्याप्त तनाव को लेकर बातचीत होगी।
जनवरी में चीन ने नया सीमा कानून लागू किया था और अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश के 15 स्थानों का नाम भी बदल दिया था।
साथ ही चीन ने इस साल की शुरूआत में पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के हिस्से पर एक पुल का अवैध निर्माण कराया था। भारत इस गतिविधि की बारीकी से निगरानी कर रहा है।
चीनी पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों को जोड़ने वाले पुल का निर्माण कर रहे हैं।
यह पुल पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों को जोड़ता है और चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को दोनों पक्षों तक त्वरित पहुंच की अनुमति देगा।
भारत और चीन के बीच करीब दो साल से सीमा विवाद चल रहा है।