रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के नौवें दिन गुरुवार को हजारीबाग से भाजपा विधायक मनीष जायसवाल ने विनोबा भावे विवि के 14 शिक्षक और 200 कर्मियों को छठे एवं सातवें वेतनमान का लाभ नहीं मिलने का मामला उठाया।
मनीष जायसवाल के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि विश्वविद्यालय कर्मियों को बहुत जल्द सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इसके मद्देनजर सभी विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि और महालेखाकार की बैठक हुई है। इससे पहले महालेखाकार को सभी विश्वविद्यालयों का ऑडिट कराकर सातवां वेतनमान का वार्षिक लेखा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था।
महालेखाकार द्वारा रांची और दुमका विवि का अंकेक्षण नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि अन्य विवि का अंकेक्षण हो रहा है। अंकेक्षण रिपोर्ट आने के बाद सातवां वेतनमान लागू कर दिया जाएगा।
एक समान राशि बिजली कनेक्शन लेना ठीक नहीं
दूसरी ओर बिजली कनेक्शन का दर आय के आधार पर तय करने की मांग भाजपा विधायक भानुप्रताप शाही ने सदन में की।
उन्होंने कहा कि गांव में कोई एक एकड़ वाला किसान है और कोई पांच एकड़ वाला भी किसान है। यही हाल शहर में रहने वाले लोगों की भी है।
किसी की आय ज्यादा तो किसी की कम है। ऐसे में सभी से एक समान राशि बिजली कनेक्शन के लिए लेना ठीक नहीं है। हालांकि, सरकार की ओर से जवाब देते हुए प्रभारी मंत्री बादल पत्रलेख ने इससे इन्कार कर दिया है।
मंत्री ने कहा है कि हमारी सरकार बिजली बिल में कई तरह की रियायत गरीब और किसानों को दे रही है जिसमें 100 यूनिट फ्री बिजली भी शामिल है।
भानु ने कहा कि मंत्री कनेक्शन और बिजली यूनिट दोनों अलग अलग चीज हैं। मैं बिजली कनेक्शन लेने में लगने वाली राशि में राहत देने की मांग कर रहा हूं।
इसपर आपका जवाब नहीं मिल रहा है। विधायक नवीन जायसवाल ने इसी सवाल को आगे बढाते हुए कहा कि किसान इज्जत से बिजली का उपयोग कर सके, इसके लिए कनेक्शन में लगने वाली राशि को कम किया जाय।