बीजिंग: क्या चीन चंद्रमा पर सब्जियां उगा सकता है? जब से चीन का चांगअ-5 चंद्रयान चंद्रमा से लगभग 1,731 ग्राम नमूने एकत्र कर सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौटा है, तब से चीनी सोशल मीडिया वेइबो पर हर कोई यही सवाल पूछ रहा है। इस सवाल ने वेइबो पर ऑनलाइन चर्चा शुरू कर दी है।
लेकिन विज्ञान ने उन्हें जरूर निराश किया होगा।
दरअसल, पृथ्वी पर जैविक मिट्टी के विपरीत, चंद्रमा की मिट्टी में कोई आर्गेनिक पोषक तत्व नहीं होते है और यह बहुत सूखा भी होता है, जो कि न तो सब्जियां उगाने और न ही आलू उगाने के लिए उपयुक्त है।
लेकिन चीनी नेटिजेंस चंद्रमा पर सब्जियां उगाने में बहुत रुचि दिखा रहे हैं।
वेइबो पर प्रसारित लूनर मिट्टी वास्तव में सब्जियां नहीं उगा सकती है विषय वाले वीडियो को 6 करोड़ 33 लाख से अधिक बार देखा गया और प्रेस समय के अनुसार 17,000 से अधिक बार चर्चा की गई।
वेइबो पर प्रसारित इस वीडियो के नीचे 8,100 से अधिक कमेंट्स किये गये।
एक चीनी यूजर ने लिखा, चीनी लोग वास्तव में पूरे इतिहास में सब्जियां उगाने के विचार को मानते हैं।
वहीं, किसी अन्य यूजर ने लिखा युआन लोंगफिंग की आंखें जगमगा उठी हैं: ऐसी कोई जगह नहीं है जहां चावल न उग सकें!
युआन, दुनिया के जाने-माने एक कृषि विज्ञानी है जिन्हें पहले हाइब्रिड (संकर) चावल के उपभेदों को विकसित करने के लिए जाना जाता है। उन्हें हाइब्रिड चावल के जनक भी कहा जाता है।
हालांकि, चंद्रमा पर मिट्टी सब्जियों को विकसित नहीं कर सकती है, इसका उपयोग अन्य तरीकों से किया जा सकता है।
सीसीटीवी द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो के अनुसार, दीर्घकालिक सौर हवा ने बड़ी मात्रा में हीलियम-3 को चांद की मिट्टी में घोल दिया, जिसका उपयोग स्वच्छ ऊर्जा के रूप में और थर्मोन्यूक्लियर फ्यूजन के जरिए बिजली पैदा करने में किया जा सकता है।
चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (सीएनएसए) ने गत शनिवार की सुबह देश की राजधानी पेइचिंग में एक चंद्र नमूना हैंडओवर समारोह आयोजित किया, जहां चीनी विज्ञान अकादमी (सीएएस) को नमूने सौंप दिये।
सीएनएसए के उप प्रमुख वू यानहुआ के अनुसार, चांद के नमूनों को विभिन्न उद्देश्यों के लिए तीन भागों में विभाजित किया जाएगा।
वैज्ञानिक अनुसंधान के प्रयोगशालाओं को कुछ दिया जाएगा, जबकि अन्य दो को राष्ट्रीय संग्रहालयों में जनता की शिक्षा के लिए प्रदर्शित किया जाएगा और चंद्र डेटा प्रबंधन नियमों के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ साझा किया जाएगा।
यहां तक कि उन देशों को विशेष उपहार के रूप में दिया जा सकता है जो एयरोस्पेस मामलों पर चीन के साथ मिलकर काम करते हैं।
एक वेइबो यूजर ने कमेंट किया, अगर हम चंद्रमा पर सब्जियां नहीं उगा सकते, तो मंगलग्रह पर जाना और अध्ययन के लिए मिट्टी के कुछ नमूने लाना कैसा रहेगा?
सीएनएएसए के पिछले सप्ताह के अपडेट के अनुसार, चीन ने 23 जुलाई को देश का पहला मंगल जांच शुरू किया, जिसका नाम थ्येनवन-1 रखा गया था और वर्तमान में यह 37 करोड़ किलोमीटर की यात्रा कर चुका है और पृथ्वी से 10 करोड़ किलोमीटर से अधिक दूरी पर पहुंच चुका है।
ध्यान दें तो चीनी नौसेना के सैनिक दक्षिण चीन सागर के शीशा द्वीप के रेत में सफलतापूर्वक सब्जियां उगा चुके हैं।
इसके अलावा, चीनी वैज्ञानिक अभियान दल ने अंटार्कटिका में भी सब्जियां उगाई हैं।
(अखिल पाराशर, चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)