कोलकाता: झारखंड के बल्लेबाजों ने नगालैंड के लचर गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ जरा भी दया नहीं दिखायी और सोमवार को यहां प्रीक्वार्टरफाइनल में तीसरे दिन पहली पारी में 880 रन का स्कोर खड़ा किया जो रणजी ट्राफी में चौथा सबसे बड़ा स्कोर है।
झारखंड ने नौ विकेट पर 769 रन से आगे खेलना शुरू किया जिसमें शाहबाज नदीम 123 और 11वें नबंर के खिलाड़ी राहुल शुक्ला 29 रन पर थे।
टीम ने पारी घोषित करने का कोई इरादा नहीं दिखाया और उसकी अंतिम जोड़ी ने 191 रन (323 गेंद में) जोड़े जिससे टीम 203.4 ओवर में आउट हुई।
यह अंतिम विकेट की भागीदारी भी पूरी पारी में सबसे बड़ी साझेदारी रही जिसमें सपाट पिच के साथ प्लेट ग्रुप में शीर्ष पर रही टीम के कमजोर गेंदबाजी आक्रमण की बड़ी भूमिका रही।
बायें हाथ के स्पिनर इम्लिवती लेमतुर (179 रन देकर चार विकेट) ने अंत में इस भागीदारी को तोड़ा जब नदीम ने रिवर्स स्वीप की कोशिश की लेकिन पगबाधा आउट हुए।
जवाब में नगालैंड ने दिन का खेल समाप्त होने तक चार विकेट गंवाकर 130 रन बना लिये थे। पांच दिन के मुकाबले में दो दिन का खेल बचा है और झारखंड इस तरह जून में होने वाले रणजी ट्राफी क्वार्टरफाइनल में पहुंचने के करीब है।
स्टंप तक अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज चेतन बिष्ट 46 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद हैं जो 204 ओवर तक विकेट के पीछे खड़े रहे थे। दूसरे छोर पर अबू नेचिम 13 रन बनाकर खेल रहे थे।
इससे पहले बायें हाथ के स्पिनर नदीम ने अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ 177 रन की पारी के दौरान 22 चौके और दो छक्के जमाये। शुक्ला ने 149 गेंद में नाबाद 85 रन की पारी के दौरान छह छक्के और सात चौके जड़े।
झारखंड से पहले हैदराबाद (छह विकेट पर 944 रन, 1993-94), होल्कर (आठ विकेट पर 912 रन, 1945-46) और तमिलनाडु (छह विकेट पर 912 रन, 1988-89) रणजी ट्राफी में सबसे बड़े स्कोर बना चुके हैं।