नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में वैदिक शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे इसका और विस्तार किया जायेगा।
धर्मेन्द्र प्रधान ने राज्य सभा में भाजपा सांसद रूपा गांगुली के एक अनुपूरक प्रश्न के जवाब में यह बात कही। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में भारतीय मूल्य आधारित शिक्षा की व्यवस्था को लागू करने के लिए अनेक चैप्टर्स में चर्चा की गई है।
इसकी तैयारी सभी राज्यों में स्टेट करिकुलम फ्रेमवर्क और राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क दोनों फोरम में हो रही है। अगले एक-दो सालों में इसका व्यापक मसौदा तैयार हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में 21वीं सदी में भारत की शिक्षा को आधुनिक किन्तु जड़ से जुड़ी हुई व्यवस्था बनाने की कल्पना है। वैदिक शिक्षा भी उसका एक अंश है।
अभी भी अनेक विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में इंडिक शिक्षा की व्यवस्था है, जिसमें वैदिक शिक्षा के बारे में चर्चा है। अभी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उस पर और ध्यान दिया जाएगा।
प्रधान ने कहा कि पहली बार राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षकों के प्रशिक्षण पर बहुत अधिक ध्यान दिया गया है प्रधान ने तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन के एक सवाल के जवाब में कहा कि केंद्र सरकार शिक्षा के मामलों में राज्यों में हस्तक्षेप नहीं करती। उन्होंने कहा कि शिक्षा राज्य का विषय है और राज्य ही चलाता है।