पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के बीच सदन में इस सप्ताह के शुरू में नोंक-झोंक के केंद्र में रहे एक पुलिस पदाधिकारी का शुक्रवार को तबादला कर दिया गया।
बिहार के गृह विभाग द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार लखीसराय के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी(एसडीपीओ) रंजन कुमार को उसी पद पर पूर्वी चंपारण जिले के अरेराज में स्थानांतरित किया गया है।
उनके स्थान पर 2018 बैच के आईपीएस अधिकारी सैय्यद इमरान मसूद को भेजा गया है, जो वर्तमान में पटना जिले के दानापुर के एसडीपीओ के रूप में तैनात हैं।
रंजन कुमार बिहार पुलिस सेवा के अधिकारी हैं। लखीसराय विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले राज्य विधानसभा अध्यक्ष एसडीपीओ सहित अन्य पुलिस अधिकारियों के कथित असहयोग से नाराज थे।
भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतकर आए सिन्हा एक मामले में पुलिस कार्रवाई का विरोध कर रहे थे और जब बजट सत्र शुरू हुआ तो यह मामला विशेषाधिकार समिति को सौंप दिया गया।
लखीसराय मुंगेर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है जिसका प्रतिनिधित्व मुख्यमंत्री की पार्टी जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन करते हैं।
मीडिया के एक धड़े की खबर के अनुसार सिन्हा पुलिस की सांसद के करीबी लोगों के प्रति कथित नर्मी उनके समर्थकों के प्रति सख्ती से नाराज़ थे।
मुख्यमंत्री के पास ही गृह विभाग भी है और भाजपा नेताओं का एक वर्ग इस बात से कथित नाराज है कि अपने कम होते राजनीतिक दबदबे के बावजूद वह पुलिस पर ‘‘पूर्ण नियंत्रण’’ बनाए रखने में सफल रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में सोमवार को ‘‘बार-बार’’ उठाए जाने वाले मुद्दे को अपवाद के रूप में लिया सदन के अंदर ही अपने गुस्से का इजहार करते हुए अध्यक्ष से कहा कि यह संविधान के खिलाफ है।
सदन के भीतर मुख्यमंत्री के साथ हुई नोंक-झोंक के बाद अध्यक्ष अगले दिन सदन में आसन संभालने नहीं पहुंचे और मंगलवार की रात्रि मुख्यमंत्री के साथ बैठक हुई जहां माना जाता है कि दोनों के बीच सुलह गया।