रांची: स्थानीय नीति सहित विभिन्न मांगों को लेकर आदिवासी छात्र संघ ने मंगलवार को रैली निकाली। शहर के रातू रोड होते हुए निकली रैली दलादली चौक पर जुलूस में तब्दील हो गई। नयासराय में सीआरपीएफ कैंप के पास पुलिस ने जुलूस को रोक दिया।
मौके पर आदिवासी छात्र संघ के केंद्रीय अध्यक्ष सुशील उरांव ने कहा कि झारखंड गठन के 21 साल पूरे हो गए हैं। लेकिन अबतक हमें स्थानीय नीति, नियोजन नीति और उद्योग नीति नहीं मिल पायी है।
राज्य में जो भी सरकार बनी सभी ने झारखंड की खनिज संपदाओं को लूटने का काम किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा, झामुमो, कांग्रेस, आजसू ने सिर्फ सत्ता का भोग किया।
उन्होंने कहा कि यही वजह है कि झारखंड में आजतक 1932 का खतियान लागू नहीं हो पाया है। छात्र संघ ने बाहरी भाषा भोजपुरी, अंगीका, मगही को पूरी तरह से हटाने की मांग की। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार इस मामले पर नरम पड़ी हैं।
झारखंड की जनता 1932 खतियान को लेकर काफी गर्म है। उन्होंने कहा कि सरना धर्म को जाति प्रमाण पत्र में अंकित सह सरकारी नौकरी और निजी दस्तावेज में अंकित किया जाये।
इस मौके पर सुमित उरांव, सनी उरांव, मुखिया कुशल उरांव, शिशिर उरांव, हीरा मिंज, अरविंद तिर्की, प्रखंड सचिव दिलीप उरांव, अरविंद तिर्की और रांची विवि अध्यक्ष रौशन तिग्गा प्रमुख रूप से शामिल थे।