नई दिल्ली: भारतीय सेना और सेशेल्स रक्षा बलों (एसडीएफ) के बीच 9वां संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘लामितिये’ मंगलवार से सेशेल्स में शुरू हुआ, जो 31 मार्च तक चलेगा।
भारतीय सेना और सेशेल्स रक्षा बल दोनों की एक-एक इन्फैंट्री प्लाटून कंपनी इस अभ्यास में भाग ले रही है। इस अभ्यास का उद्देश्य अर्ध-शहरी वातावरण में दुश्मन के खिलाफ विभिन्न अभियानों के दौरान हासिल किए गए अनुभवों को साझा करने के साथ ही संयुक्त अभियान शुरू करने के लिए क्षमता बढ़ाना है।
भारतीय सैन्य दल में 2/3 गोरखा राइफल्स समूह (पीरकंठी बटालियन) के सैनिक शामिल हैं। संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘लामितिये’ में हिस्सा लेने के लिए भारतीय दल 21 मार्च को सेशेल्स पहुंच गया था।
यह सैन्य अभ्यास द्विवार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जिसकी शुरुआत 2001 से सेशेल्स में हुई थी। विभिन्न देशों के साथ किया जा रहा यह सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास मौजूदा वैश्विक स्थिति और हिन्द महासागर क्षेत्र में बढ़ती हुई सुरक्षा चिंताओं की पृष्ठभूमि में दोनों देशों के सामने आ रही सुरक्षा चुनौतियों के नजरिये से महत्वपूर्ण है।
सैन्य प्रवक्ता के अनुसार 10 दिनों तक चलने वाले संयुक्त अभ्यास में क्षेत्र प्रशिक्षण अभ्यास, युद्ध चर्चा, व्याख्यान और प्रदर्शन शामिल हैं, जो दो दिवसीय प्रमाणीकरण अभ्यास के साथ समाप्त होगा।
इस संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास का उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच कौशल, अनुभव और अच्छी प्रक्रियाओं के आदान-प्रदान से द्विपक्षीय सैन्य संबंधों की स्थापना करके उन्हें बढ़ावा देना है। दोनों सेनाएं संयुक्त परिचालन में नई पीढ़ी के उपकरणों का इस्तेमाल करेंगी।
भारतीय सेना और सेशेल्स रक्षा बल अर्ध शहरी वातावरण में आने वाले संभावित खतरों को समाप्त करने के लिए प्रशिक्षण लेंगे। इसके अलावा दुश्मन का मुकाबला करने में सामरिक कौशल को बढ़ाने और दोनों बलों के बीच अंतर-संचालन बढ़ाने पर पूरा ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
भारतीय सैन्य दल के कंपनी कमांडर मेजर अभिषेक नेपाल सिंह ने कहा कि इस द्विवार्षिक सैन्य अभ्यास ने दोनों सेनाओं के बीच द्विपक्षीय सैन्य सहयोग और अंतर-संचालन को मजबूत बनाने में काफी योगदान दिया है।
हम विचार-विमर्श और सामरिक अभ्यासों पर आधारित अन्य स्थितियों के माध्यम से उप-पारंपरिक संचालनों में नई प्रौद्योगिकी के समावेश के साथ-साथ मान्य अभ्यासों और प्रक्रियाओं को शामिल करने के लिए व्यावहारिक पहलुओं को साझा करने के लिए भी तत्पर हैं।
इस संयुक्त सैन्य अभ्यास से भारतीय सेना और सेशेल्स रक्षा बलों (एसडीएफ) के बीच रक्षा सहयोग के स्तर को बढ़ाने और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।