रांची: झारखंड विधानसभा बजट सत्र के 16वें दिन गुरुवार को विधानसभा में झारखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन (संवर्धन और सुविधा) विधेयक 2022 ध्वनिमत से पारित हुआ।
इस दौरान भाजपा विधायकों ने हंगामा भी किया। भाजपा विधायकों ने वॉकआउट कर दिया।
इसके पूर्व विपक्ष की ओर से भाजपा विधायक अमित मंडल, रामचंद्र चंद्रवंशी, अमर बाउरी, आजसू के लंबोदर महतो, माले के बिनोद कुमार सिंह सहित अन्य ने विधेयक पर संशोधन प्रस्ताव लाया और विधेयक को प्रवर समिति में भेजने की मांग की।
विपक्ष के संशोधन का जवाब देते हुए कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि राज्य के किसानों को उनके उपज का उचित मूल्य दिलाने तथा उनकी आय में वृद्धि के लिए राज्य में कृषि विपणन में व्यापक सुधार एवं पारदर्शिता के उद्देश्य से एक देश एक बाजार की परिकल्पना को साकार करने, राज्य के कृषकों को आधुनिक विपणन व्यवस्था के तहत इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन व्यवस्था की जाएगी।
दूसरी ओर संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत झारखंड विधानसभा दल परिवर्तन पर सदस्यता से निरहर्ता के नियम 2006 में संशोधन विधानसभा से पारित हुआ।
इसके तहत अब कोई भी व्यक्ति संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत स्पीकर के न्यायाधिकरण में दल बदल की याचिका लगा सकता है।
इसके अलावा पूर्व में स्पीकर के पास यह अधिकार था कि वह दल बदल मामले में स्वतः संज्ञान ले सकते थे।
नए संशोधन में इस व्यवस्था को विलोपित कर दिया गया है। दल बदल कानून में संशोधन होने से अब जनता को यह अधिकार मिल गया है कि वह अपने जनप्रतिनिधि को दल बदलने पर न्यायाधिकरण के समक्ष खड़ा कर सकते हैं।