रांची: बहुचर्चित साहिबगंज की महिला थानेदार रूपा तिर्की की मौत के मामले में हत्या का कोई साक्ष्य नहीं मिला है।
झारखंड हाईकोर्ट के सेवानिवृत मुख्य न्यायाधीश वीके गुप्ता की अध्यक्षता में एक सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है।
गुरुवार को झारखंड विधानसभा में सदन में न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट सौंपी गई।
रूपा तिर्की काफी तनाव में रहती थी
न्यायिक जांच रिपोर्ट में जिक्र है कि रूपा तिर्की का अपने बैचमेट शिव कुमार कनौजिया उर्फ शिवा के साथ प्रेम संबंध था लेकिन दोनों के ही परिवार वाले अलग अलग जाति के होने के कारण शादी के लिए तैयार नहीं थे।
इसे लेकर रूपा तिर्की और शिव कुमार कनौजिया में विवाद होता था। न्यायिक जांच रिपोर्ट में जिक्र है कि प्रेम संबंधों के कारण ही रूपा तिर्की काफी तनाव में रहती थी, शिवा से शादी नहीं कर पाने की वजह से वह मानसिक तौर पर भी परेशान थी।
उनके संबंधों के उतार चढ़ाव व तनाव की पुष्टि
रिपोर्ट में बताया गया है कि 3 मई 2021 को रूपा की मौत के बाद बोरियो पुलिस ने तहकीकात शुरू की तब 28.55 मिनट की बातचीत का एक ऑडियो भी मिला।
यह ऑडियो 21 अप्रैल 2020 का था। न्यायिक जांच रिपोर्ट में जिक्र है कि दोनों के बीच घंटो बातचीत व कई टेक्स्ट मैसेज भी लगातार किए गए थे, जिससे उनके संबंधों के उतार चढ़ाव व तनाव की पुष्टि होती है।
कोई दूसरी वजह नहीं
रिपोर्ट में बताया गया है कि जांच के क्रम में न्यायिक आयोग ने साहिबगंज डीसी, एसपी, वहां के कई पुलिस अधिकारियों, रूपा तिर्की के बैचमेट, मेडिकल बोर्ड के डॉक्टरों समेत 18 लोगों की गवाही ली।
इस दौरान कहीं से भी यह पुष्टि नहीं हुई कि किसी सरकारी कामकाज या दूसरे वजहों से रूपा तिर्की की मौत हुई हो। मौत की वजह सिर्फ शिव कुमार कनौनिया के साथ संबंधों को बताया गया है।
न्यायिक आयोग ने बरहेट के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को क्लीनचिट दी है। रिपोर्ट में जिक्र है कि जांच के क्रम में पंकज मिश्रा के चार मोबाइल फोन के लोकेशन निकाले गए थे। लेकिन 20 अप्रैल से 3 मई 2021 तक पंकज मिश्रा का लोकेशन रांची में था।
वहीं रूपा तिर्की के मौत के बाद पंकज मिश्रा या पुलिस अधिकारियों के द्वारा प्रताड़ित करने की कोई पुष्टि नहीं हुई है।
साहिबगंज के डीसी रामनिवास यादव, एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा, इंस्पेक्टर शशिभूषण चौधरी को भी क्लीनचिट दी गई है।
शशिभूषण पर रूपा तिर्की को प्रताड़ित करने का आरोप लगा था लेकिन इसके कोई सबूत जांच में नहीं मिले। वहीं केस को प्रभावित करने का भी कोई सबूत आयोग ने नहीं पाया।