रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के 17वें दिन शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि झारखंड में प्रखंड और अनुमंडल बनाने के लिए जनसंख्या और वहां की भौगोलिक स्थितियों का आकलन किया जा रहा है। जल्द ही सरकार इस पर फैसला करेगी।
विधायकों ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में प्रखंड और अनुमंडल बनाने की मांग को उठाया
विधानसभा में गैर सरकारी संकल्प के जरिए कई विधायकों ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में प्रखंड और अनुमंडल बनाने की मांग को उठाया था।
इस पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला, प्रखंड, पंचायत के सृजन के कई मापदंड होते हैं। भौगोलिक स्थिति, जनसंख्या और प्रशासनिक दृष्टिकोण सृजन का मापदंड होता है। इसका आकलन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि…
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कई विधायकों ने नया प्रखंड और अनुमंडल के गठन की मांग की है लेकिन यह भी देखा जाता है कि जिला बनने के बाद भी शहरीकरण का विरोध होता है।
कई पंचायतों के लोग नगर निगम क्षेत्र में शामिल नहीं होना चाहते हैं। इसलिए सरकार इसका विस्तृत आकलन करवा रही है।
जाति, आवासीय प्रमाण पत्र गांव- गांव में आसानी से बनाने की सुविधा दी जा रही
उन्होंने कहा कि जिन जरूरी सुविधाओं के लिए प्रखंड और अनुमंडल के सृजन की जरूरत होती है, उसे लेकर सरकार गंभीरता से काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि जाति, आवासीय प्रमाण पत्र गांव- गांव में आसानी से बनाने की सुविधा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि हम देखते हैं कि कई प्रखंडों में बीडीओ और सीओ नहीं हैं।
अगर ऐसे ही बिना आकलन के प्रखंड, अनुमंडल का सृजन होता रहा, तो वह दिन दूर नहीं, जब जनता से ज्यादा अधिकारी हो जाएंगे।