नई दिल्ली: इंजीनियरिंग ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट, यानी गेट परीक्षा में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्रों ने एक बार फिर शानदार प्रदर्शन किया है। बीएचयू के एक रिसर्च छात्र ने इंसान परीक्षाओं में देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
गेट 2022 क्वालिफाई करने वाले उम्मीदवार सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम में भर्ती के लिए पात्र होंगे। पीएसयू भर्ती प्रक्रिया में एक इंटरव्यू या टेस्ट होता है। कुछ पीएसयू सीधे गेट स्कोर के आधार पर भी भर्ती करते हैं।
गत दिनों आए इंजीनियरिंग ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट 2022 के परिणामों में बीएचयू विश्वविद्यालय स्थित विज्ञान संस्थान के भूभौतिकी विभाग के छात्रों के नतीजों ने देश भर में विभाग का परचम लहराया है।
भूभौतिकी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर राजीव भाटला ने बताया कि विभाग के छात्र रहे और वर्तमान में सिसमिक इमेजिंग सेंटर में शोध सहायक के रूप में कार्य कर रहे शत्रुघ्न सिंह चौधरी ने इंजीनियरिंग ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट में देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
उन्होंने बताया कि इस बार शीर्ष 50 में 15 छात्र तथा शीर्ष 10 में 4 छात्र काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के भूभौतिकी विभाग से हैं। इन छात्रों की उपलब्धि पर विभाग व विश्वविद्यालय परिवार गर्व की अनुभूति कर रहा है।
इस साल गेट परीक्षा में दो नए टेस्ट, नेवल आ++++++++++++++++++++++++++++र्टेक्च र एवं मरीन इंजीनियरिंग और जियोमैटिक्स इंजीनियरिंग जोड़े गए हैं।
इसके बाद अब गेट एग्जाम में कुल विषयों के पेपर की संख्या 29 हो गई है। आईआईटी खड़गपुर द्वारा आयोजित गेट 2022 परीक्षा के परीक्षा केंद्रों की संख्या कम कर दी गई थी।
गेट के माध्यम से एमटेक व अन्य पीजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने या पीएसयू में भर्ती होने के इच्छुक उम्मीदवार गेट परीक्षा 2022 के द्वारा इसके लिए पात्रता पा सकते हैं।
वहीं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के एक अन्य शोधकर्ता डॉ. गुरवचन सिंह को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् का प्रतिष्ठित यंग साइंटिस्ट फेलो अवॉर्ड प्राप्त हुआ है।
एक शोध परियोजना पर काम करने के लिए उन्हें 52 लाख रुपये की राशि दी जाएगी। वहीं जामिया मिलिया इस्लामिया के एक फैकल्टी समीना हसन सिद्दीकी को यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो, कनाडा में विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में आमंत्रित किया गया है।
डॉ. गुरवचन सिंह फिलहाल बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के गैस्ट्रोइन्ट्रोलोजी विभाग में बतौर रिसर्च एसोसिएट काम कर रहे हैं।
उन्होंने विज्ञान संस्थान के जन्तु विज्ञान विभाग के प्रो. अरविंद कुमार सिंह कि मार्गदर्शन में अपनी पीएच.डी. पूरी की थी।
उन्हें आईसीएमआर – डीएचआर (स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग) योजना के तहत यह सम्मान मिला है। इस के अंतर्गत वे एनालिसिस ऑफ डीएनए पॉलीमोरफिज्म इन इंडियन नेचूरल पॉपुलेशन आफ ड्रोसोफिला अनानेसी बाई कंसीडरिंग माइक्रोसैटेलाइट वेरिएशंस नामक एक शोध परियोजना पर काम करेंगे।
इसके लिए डॉ. गुरवचन सिंह को 52 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।