पटना: बिहार में कोरोना के टीकाकरण की तैयारी में गांवों पर विशेष जोर दिया जा रहा है। यही कारण है कि राज्य स्वास्थ्य समिति ने सभी चिकित्सा केंद्रों के प्रभारी को टीकाकरण के लिए टास्कफोर्स गठन करने का निर्देश दिया है।
राज्य स्वास्थ्य समिति ने जिला से लेकर प्रखंड तक सरकारी स्कूलों, पंचायत भवनों के साथ सामुदायिक भवनों को वैक्सीनेशन बूथ बनाने का भी फैसला किया है।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि नालंदा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एनएमसीएच) में कोविड टीका स्टोरेज सेंटर (भंडार केंद्र) बनाया गया है। यहां पर कोविड टीका के स्टोरेज को लेकर तैयारियां तेजी से चल रही हैं।
इधर, सूत्रों का कहना है कि बिहार में जनवरी के अंतिम सप्ताह में कारोना के टीके उपलब्ध हो जाएंगे। इसे पहले भंडार केंद्र में रखा जाएगा, जिसे बाद में अन्य जिलों में भेजा जाएगा। सरकार इस बात पर पूरा ध्यान रखे हुए है कि कोरोना टीका के लिए आवश्यक तापमान की व्यवस्था हो, जिससे उसका भंडारण उचित तरीके से हो सके।
उल्लेखनीय है कि राज्य के सभी जिलों में टास्क फोर्स का गठन किया जा चुका है। स्वास्थ्य विभाग टीकाकरण अभियान में सरकारी एजेंसियों के अलावा गैर सरकारी संगठनों से भी मदद लेने को लेकर योजना बनाई है, जिससे टीकाकरण का कार्य सुचारू रूप से हो सके।
सूत्रों का कहना है कि टीका के रखरखाव और टीकाकरण के लिए ग्रामीण चिकित्सकों की भी मदद ली जाएगी। इसके मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग द्वारा क्षेत्र के ग्रामीण चिकित्सकों और निजी नर्सिग होम में कार्यरत कर्मी और चिकित्सकों को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
कहा जा रहा है कि फ्रंटलाइन वर्कर को सबसे पहले टीका दिया जाएगा, इसमें सभी डॉक्टर एवं स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं। फ्रंटलाइन वर्कर में सरकारी एवं निजी स्तर पर काम रहे स्वास्थ्यकर्मियों को भी शामिल किया गया है।
सूत्रों का कहना है कि कोरोना टीका को सुरक्षित रखने एवं प्रखंडों ले जाने के लिए कोल्ड चेन के लिए कोल्ड चेन की व्यवस्था की जा रही है।