नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में दिल्ली नगर निगम (संशोधन) बिल 2022 पर चर्चा की शुरूआत करते हुए केजरीवाल सरकार पर तीनों नगर निगम के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया।
शाह ने बुधवार को लोक सभा में इस विधेयक को पारित करने के लिए पेश किया। विधेयक पर चर्चा की शुरूआत करते हुए शाह ने कहा कि राष्ट्रपति भवन, संसद, प्रधानमंत्री भवन, केंद्रीय सचिवालय जैसे कई महत्वपूर्ण स्थल यहां हैं।
दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्ष यहां आते हैं, तो वो राजधानी में अपनी नजर जरूर रखते हैं। इसलिए सिविक सेवाओं की जिम्मेदारी का निर्वहन दिल्ली के तीनों निगम उठाएं ये जरूरी है।
उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली सरकार, दिल्ली नगर निगमों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। इसके कारण तीनों नगर निगम अपने दायित्वों को निर्वहन करते समय पर्याप्त संसाधनों के अभाव में खुद को अक्षम पाते हैं।
शाह ने कहा कि दिल्ली नगर निगम पूरे राजधानी क्षेत्र के 95 प्रतिशत हिस्से की सिविक सेवाओं की जिम्मेदारी निभाते हैं।
करीब 1.20 लाख कर्मचारी तीनों निगमों में काम करते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दस साल के अनुभव का बारीक विश्लेषण और तथ्य जो सामने आए हैं उसको लेकर सरकार ने तय किया कि दिल्ली के तीनों निगमों का एकीकरण कर पहले जैसी स्थिति की जाए। यह बंटवारा आनन-फानन में किया गया बंटवारा था।