गढ़वा: प्रखंड में सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर अब तक धान का क्रय शुरू नहीं हो सका है। जिसके कारण स्थानीय किसान बिचौलियों के हाथों धान बेचने को मजबूर हैं।
प्रखंड के किसानों को अपने धान औने-पौने दाम में बिचौलियों को बेचना पड़ रहा है। जबकि सरकार द्वारा किसानों से धान अधिप्राप्ति को लेकर धान क्रय की योजना थी, जो रमना में अब तक शुरू नहीं हो सकी है।
सरकार की इस व्यवस्था से लाचार होकर स्थानीय किसान खुले बाजार में औने-पौने दाम में धान बेचने को विवश हैं। गांव-गांव में बिचौलिए घूम-घूमकर औने-पौने दाम में किसानों से धान की खरीदारी कर रहे हैं।
ऐसी स्थिति में सरकार द्वारा किसानों को आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान करने को लेकर सरकारी माध्यम से धान क्रय करने की योजना विफल साबित हो रही है।
रमना में सरकारी दर पर धान क्रय नहीं होने से किसान 11-12 सौ रुपए प्रति क्विंटल धान की बिक्री कर रहे हैं।
इस वर्ष अच्छी पैदावार होने से किसानों में काफी खुशी थी। लेकिन धान के अच्छा दर नहीं मिलने से किसान काफी दुखी हैं।
धान खरीद शुरू करें
प्रखंड के मानदोहर निवासी किसान रविंद्र प्रसाद, कोरगा के रमेश भारती, दुधवनिया के चंद्रदेव सिंह, झुरहा विकास कुमार मेहता, रमना के मनोज कुमार गुप्ता आदी का कहना है कि अब तक सरकारी स्तर पर धान की अधिप्राप्ति शुरु नहीं हो सकी है।
इससे किसानों को सस्ते दरों पर धान की बिक्री करनी पड़ रही है। बिचौलियों के हाथों धान की बिक्री करने से किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
यदि समय पर धान की खरीदारी शुरू हो जाती, तो सरकार द्वारा निर्धारित दर से धान बिक्री करने पर किसानों को फायदा होता।