लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को ‘स्कूल चलो अभियान’ की शुरुआत की। उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों से प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करने की अपील की।
स्कूली शिक्षा के प्रति बच्चों और अभिभावकों को जागरुक बनाने के लिए योगी ने यूपी के श्रावस्ती जनपद से इस प्रदेशव्यापी अभियान की औपचारिक शुरुआत की। उन्होंने पूरे प्रदेश में इस अभियान को व्यापक तौर पर चलाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण बच्चे शैक्षणिक स्तर पर दो साल काफी पीछे रहे, जिसे गति देने के लिए यह अभियान चलाया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘हमें बुनियादी शिक्षा पर विशेष जोर देना होगा। ऐसा संभव है कि कोरोनाकाल में घर से पढ़ाई करने वाले बच्चे स्कूल लौटने में आलस्य महसूस कर रहे हों। लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी बच्चा छूटे नहीं। सभी को स्कूलों में दाखिला दिया जाना चाहिए।’
योगी ने कहा, ‘2017 में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में 1.34 करोड़ छात्र पंजीकृत थे, लेकिन स्थिति बेहद अराजक थी। बच्चों और शिक्षकों के स्कूल आने-जाने का कोई समय नहीं था। स्कूलों में शौचालय नहीं थे, मध्याह्न भोजन की व्यवस्था नहीं थी।’
उन्होंने कहा कि 2019 तक राज्य की भाजपा सरकार के प्रयासों से स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़कर 1.80 करोड़ हो गई और उन्हें मुफ्त किताबें, यूनिफॉर्म, जूते, मोजे और स्वेटर प्रदान किए जाने लगे।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों सहित सभी से खुद को ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ से जोड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि ये लोग प्राथमिक विद्यालयों को अपनाएं, ताकि वहां बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें।
योगी ने कहा कि 2020 में लॉकडाउन के कारण सभी गतिविधियां बंद हो गई थीं और स्कूल इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे।
उन्होंने कहा, ‘अब सभी गतिविधियां दोबारा शुरू हो गई हैं। प्रदेश के कोविड प्रबंधन की दुनियाभर में तारीफ की गई। हमने 30 करोड़ से अधिक टीके लगाए हैं। हम छात्रों को मुफ्त टैबलेट और स्मार्टफोन प्रदान कर रहे हैं।’
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि शिक्षा ही समाज में बदलाव लाने का एकमात्र जरिया है। उन्होंने कहा कि यह अभियान अगले एक महीने तक चलेगा और हर छात्र को दोबारा स्कूल लाया जाएगा।
इससे पहले, बृहस्पतिवार को उच्च अधिकारियों की बैठक में योगी ने निर्देश दिए थे कि सभी अध्यापक घर-घर जाकर अभिभावकों से मिलें और बच्चों को स्कूल आने के लिए प्रेरित करें।
उन्होंने कहा था कि ‘स्कूल चलो अभियान’ से जनप्रतिनिधियों को भी जोड़ा जाए और सभी विधायक एक-एक विद्यालय को गोद जरूर लें। साथ ही अधिकारी भी स्कूलों को गोद लें।
‘स्कूल चलो अभियान’ राज्य में सबसे कम साक्षरता दर वाले श्रावस्ती जिले से शुरू किया गया है।
योगी ने यह भी निर्देश दिया कि सभी सरकारी स्कूलों के छात्रों को शौचालय, पेयजल, फर्नीचर और स्मार्ट क्लास जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाएं।
उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन कायालप’ के तहत विभागीय अधिकारियों को सरकारी स्कूलों के कायाकल्प के लिए पूर्व छात्रों और निजी फर्मों के साथ मिलकर काम करना चाहिए।