खूंटी: कर्रा में प्रखंड स्तरीय सरहुल पूजा महोत्सव का आयोजन सोमवार को कर्रा टंगरा में किया गया।
सर्वप्रथम पाहन द्वारा सरना मां और सिंग बोंगा की पूजा-अर्चना की गयी और धर्मेश, चला आयो से करोना जैसे बीमारी को संसार से हमेशा के लिए खत्म करने की विनती की। क्षेत्र में अमन चैन, हरियाली, खुशहाली रखने की कामना की गयी।
इसके बाद दर्जनो गांवों की खोडहा मंडली नृत्य, गान प्रस्तृत करते हुए कर्रा टंगरा स्थित अपराह्न तीन बजे सरहुल जूलूस निकाला गया, जो टंगरा से निकलकर कर्रा शिवालय, कर्रा चौक, मस्जिद चौक, कर्रा बस्ती, डाकघर होते हुए वापस टंगरा पहुंचा।
यही धरोधर मानव सभ्यता, संस्कृति और पर्यावरण की रीढ़ भी है
जूलूस में स्थानीय सरना धर्मावलंबी परंपरागत वेष- भूषा और मांदर, ढोल के थाप पर नाचते-गाते कार्यक्रम स्थल तक पहुंचा।
इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए अतिथियों ने कहा कि सरहुल केवल एक पर्व ही नहीं, बल्कि
यही धरोधर मानव सभ्यता, संस्कृति और पर्यावरण की रीढ़ भी है। यह एक ऐतिहासिक पर्व भी है। पर्व का उद्देश्य होता है सृष्टि संबंध को बढ़ावा देना।