रांची: फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष धीरज तनेजा के नेतृत्व में मंगलवार को एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की।
इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने झारखंड विधानसभा में पारित झारखण्ड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन विधेयक पर पुनर्विचार के लिए आग्रह किया।
राज्य में बाजार शुल्क को प्रभावी किये जाने के निर्णय को अव्यवहारिक बताते हुए चैंबर अध्यक्ष ने कहा कि किसानों, आम उपभोक्ता और व्यापारियों की कठिनाइयों तथा इस शुल्क की वसूली में बढ़ती अनियमितता को देखते हुए ही वर्ष 2015 में राज्य सरकार ने इस शुल्क को समाप्त किया था
राज्यपाल ने इस बिंदु पर प्रतिनिधिमण्डल के साथ साकारात्मक चर्चा की
यदि फिर से प्रदेश में कृषि उपज पर दो प्रतिशत एवं एक प्रतिशत बाजार शुल्क को प्रभावी किया जायेगा तब राज्य का प्रोडक्शन निकटवर्ती राज्यों की तुलना में महंगा हो जायेगा जो राज्य के उत्पादों की बिक्री को प्रभावित करेगा।
उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि विधेयक के प्रावधान काफी अस्पष्ट और अव्यवहारिक हैं जिससे पुनः भ्रष्टाचार की स्थिति बनेगी।
उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने इस बिंदु पर प्रतिनिधिमण्डल के साथ साकारात्मक चर्चा की। चैंबर अध्यक्ष के आग्रह पर उन्होंने इसपर उचित विचार के लिए आश्वस्त किया।
प्रतिनिधिमण्डल में चैंबर महासचिव राहुल मारू, कोषाध्यक्ष मनीष सर्राफ, पूर्व अध्यक्ष कुणाल अजमानी, निवर्तमान अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबडा और रांची चैंबर-पंडरा के अध्यक्ष शंभू प्रसाद गुप्ता शामिल थे।